Author: Team Bhaktisatsang

भक्ति सत्संग वेबसाइट ईश्वरीय भक्ति में ओतप्रोत रहने वाले उन सभी मनुष्यो के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिन्हे अपने निज जीवन में सदैव ईश्वर और ईश्वरत्व का एहसास रहा है और महाज्ञानियो द्वारा बतलाये गए सत के पथ पर चलने हेतु तत्पर है | यहाँ पधारने के लिए आप सभी महानुभावो को कोटि कोटि प्रणाम

श्री यमुनाष्टकम् स्त्रोत – Shree Yamunashtak Strotram मुरारिकायकालिमाललामवारिधारिणी तृणीकृतत्रिविष्टपा त्रिलोकशोकहारिणी । मनोऽनुकूलकूलकुञ्जपुञ्जधूतदुर्मदा धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा ॥१॥ मलापहारिवारिपूरभूरिमण्डितामृता भृशं प्रपातकप्रवञ्चनातिपण्डितानिशम् । सुनन्दनन्दनाङ्गसङ्गरागरञ्जिता हिता धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा ॥२॥ यह भी पढ़े : यमुना जी की आरती लसत्तरङ्गसङ्गधूतभूतजातपातका नवीनमाधुरीधुरीणभक्तिजातचातका । तटान्तवासदासहंससंसृता हि कामदा धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा ॥३॥ विहाररासखेदभेदधीरतीरमारुता गता गिरामगोचरे यदीयनीरचारुता ।

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नर्मदाष्टकम् स्त्रोत – Narmada Ashtakam सबिन्दुसिन्धुसुस्खलत्तरङ्गभङ्गरञ्जितं द्विषत्सु पापजातजातकारिवारिसंयुतम् । कृतान्तदूतकालभूतभीतिहारिवर्मदे त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥१॥ त्वदम्बुलीनदीनमीनदिव्यसम्प्रदायकं कलौ मलौघभारहारि सर्वतीर्थनायकम् । सुमच्छकच्छनक्रचक्रचक्रवाकशर्मदे त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥२॥ महागभीरनीरपूरपापधूतभूतलं ध्वनत्समस्तपातकारिदारितापदाचलम् । जगल्लये महाभये मृकण्डसूनुहर्म्यदे त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥३॥ गतं तदैव मे भवं त्वदम्बुवीक्षितं यदा मृकण्डसूनुशौनकासुरारिसेवि सर्वदा । पुनर्भवाब्धिजन्मजं भवाब्धिदुःखवर्मदे त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥४॥ अलक्षलक्षकिन्नरामरासुरादिपूजितं सुलक्षनीरतीरधीरपक्षिलक्षकूजितम्

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गणेश मंत्र – Ganesh Mantra ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : सिद्धिं मे देहि बुद्धिं प्रकाशय ग्लूं  गलीं ग्लां  फट् स्वाहा|| यह भी पढ़े : श्री गणेश चालीसा गणेश मंत्र विधि – Ganesh ji ke mantra इस मंत्र का जप करने वाला साधक सफेद वस्त्र धारण कर सफेद रंग के आसन पर बैठकर

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वास्तु दोष निवारण के उपाय (Vastu Dosh Nivaran in Hindi) हर व्यक्ति की कामना होती है कि उसका एक सुंदर एवं वास्तु के अनुरूप घर हो जिसमें वह और उसका परिवार प्रेम, सुख शांति से जीवन जी सकें । लेकिन यदि उस भवन में कुछ वास्तु दोष (Vastu Dosh) हो तो भवन के निवासियों को को

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12 राशियों के अनुसार मंत्र मेष राशि का मन्त्र || ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः || वृष राशि का मन्त्र || ॐ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नमः || मिथुन राशि का मन्त्र || ॐ क्लीं कृष्णाय नमः || कर्क राशि का मन्त्र  ||ॐ हिरण्य गर्भाय अवयक्त रुपिणे नमः || सिंह राशी का मन्त्र ||ॐ क्लीं बह्मणे

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नित्य पूजा विधि मंत्र सहित- Nitya Puja Vidhi & Mantra Mantra For Puja – सभी कष्टों के निवारण एवं ईश्वर प्राप्ति के लिए नित्य पूजा विधि (Nitya Puja Vidhi) का मार्ग श्रेष्ट माना गया है। नित्य पूजन (Daily Puja) और नित्य पूजा मंत्र (Nitya Puja Mantra) जपने से श्रद्धा और विश्वास का ही जन्म नही

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भोजन सम्बन्दित मन्त्र जाप – Bhojan Mantra अन्न ग्रहण करने से पहले विचार मन मे करना है किस हेतु से इस शरीर का रक्षण पोषण करना है हे परमेश्वर एक प्रार्थना नित्य तुम्हारे चरणो में लग जाये तन मन धन मेरा विश्व धर्म की सेवा में ॥ ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं

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9 ग्रहों के मंत्र – Navagraha Vedic Mantra सूर्य मन्त्र ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः || ( 3 या 5 माला का जप प्रतिदिन ) चन्द्र मन्त्र ॐ श्रीं क्रीं चं चन्द्राय नमः || ( 3 माला का जाप प्रतिदिन ) मंगल मन्त्र ॐ हुं श्रीं मंगलाय नमः || ( 3 माला का जाप प्रतिदिन

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Nav-durga-raksha-mantra

श्री नवदुर्गा रक्षामंत्र – Navdurga Raksha Mantra Lyrics – ॐ शैलपुत्री मैया रक्षा करो | ॐ जगजननि देवी रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ ब्रह्मचारिणी मैया रक्षा करो | ॐ भवतारिणी देवी रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ चंद्रघणटा चंडी रक्षा

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मंत्र क्या है  मंत्र शब्द मन +त्र के संयोग से बना है !मन का अर्थ है सोच ,विचार ,मनन ,या चिंतन करना ! और “त्र ” का अर्थ है बचाने वाला , सब प्रकार के अनर्थ, भय से !लिंग भेद से मंत्रो का विभाजन पुरुष ,स्त्री ,तथा नपुंसक के रूप में है !पुरुष मन्त्रों के

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