Author: Team Bhaktisatsang

भक्ति सत्संग वेबसाइट ईश्वरीय भक्ति में ओतप्रोत रहने वाले उन सभी मनुष्यो के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिन्हे अपने निज जीवन में सदैव ईश्वर और ईश्वरत्व का एहसास रहा है और महाज्ञानियो द्वारा बतलाये गए सत के पथ पर चलने हेतु तत्पर है | यहाँ पधारने के लिए आप सभी महानुभावो को कोटि कोटि प्रणाम

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव लिरिक्स ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र का उच्चारण करते समय हम शिव भगवान की आराधना करते हैं, जिन्हें ‘पार्वतीपति’ और ‘महादेव’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह मंत्र शक्ति और भक्ति का संगम है, जो आत्मा को शांति और उद्दीपन प्रदान करने का कारण बनता है। इस महामंत्र का उच्चारण करते समय हम शिव भगवान की आराधना करते हैं, जिन्हें ‘पार्वतीपति’ और ‘महादेव’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह मंत्र शक्ति और भक्ति का संगम है, जो आत्मा को शांति और उद्दीपन प्रदान करने का कारण…

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भगवान शिव के माता पिता कौन है ? भगवान शिव का जन्म – मित्रो भगवन शिव को भोलेनाथ, शंकर, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। वही वेदो में इनका नाम रुद्र है। भगवन शिव व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय , अय्यपा और गणेश हैं, तथा पुत्रियां अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसा देवी हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि, देवों के देव महादेव के माता-पिता कौन थे ? जब समस्त सृष्ट्रि स्वयं महादेव के…

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पीपल की पूजा के फायदे और पीपल पूजा के नियम पीपल की पूजा के फायदे और पीपल पूजा के नियम में आज हम शुक्रवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं के साथ पीपल की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए? एकादशी के दिन पीपल की पूजा का महत्व तथा शनिवार को पीपल की

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Shiv-Chalisa-With-Lyrics

शिव चालीसा – शिव चालीसा हिंदी मै नित्य शिव चालीसा का पाठ करना बहुत मंगलकारी है। शिव चालीसा लिखित मे हो तो शिव चालीसा हिंदी मै पढ़ने का आनंद आता है । हमने शिव चालीसा हिंदी मै दी है क्यों की शिव चालीसा पढ़ने के फायदे अनेक है जैसे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इसके साथ ही भोलेनाथ जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। शिव चालीसा लिखित मे – शिव चालीसा हिंदी में शिव चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए ये नहीं सोचे बस भक्ति के साथ शिव चालीसा का नियमित जाप…

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प्रेम विवाह योग प्रेम हृदय की एक ऐसी  अनुभूति है जो हमें जन्म से ही ईश्वर की ओर से उपहार स्वरूप प्राप्त होती है। आगे चलकर यही प्रेम अपने वृहद स्वरूप में प्रकट होता है। प्रेम किसी के लिए भी प्रकट हो सकता है। वह ईश्वर, माता-पिता, गुरु, मित्र, किसी के लिए भी उत्पन्न हो

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गणेश जयंती – Ganesh Jayanti गणेश जयंती हर वर्ष माघ के महीने की शुक्ल चतुर्थी (maghi ganesh jayanti) के दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि जनवरी और फरवरी महीने के मध्य में आती है। यह त्योहार पूरे भारत में, खासकर महाराष्ट्र और गोवा में भरपूर उल्लास के साथ मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे तिलकुट चतुर्थी, वाद चतुर्थी और माघ शुक्ल चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। गणेश जयंती 2024 – Ganesh Jayanti 2024 गणेश जयंती पूजा समय – ganesh jayanti 2024 date चतुर्थी तिथि शुरू : 17:45 – 12 फरवरी 2024 चतुर्थी…

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महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महा शिवरात्रि (महाशिवरात्रि की कथा) के नाम से जाना जाता है। इस दिन उपवास सहित विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से नरक का योग मिटता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि की रात ग्रहों की दशा कुछ ऐसी होती है जो

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jaya ekadashi vrat katha

जया एकादशी – Jaya Ekadashi स्नान-दान और पुण्य प्रभाव के माह माघ मास की शुक्लपक्ष एकादशी को जया एकादशी (Jaya Ekadashi) कहा गया है। जया एकादशी के पुण्य के कारण मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर जीवन के हरेक क्षेत्र में विजयश्री प्राप्त करता है और मोक्ष का अधिकारी हो जाता है। भागवत पुराण में आया है कि जो मनुष्य समस्त भौतिक तथा सांसारिक सुख प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें जया एकादशी व्रत अवश्य करना चाहिए। सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाने वाली इस एकादशी की कथा का वर्णन ‘पद्मपुराण’ सहित कई प्राचीन आख्यानों में है। जया एकादशी…

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मौनी अमावस्या का महत्व | Mauni Amavasya 2024 मौनी अमावस्या तिथि (mauni amavasya tithi) माघ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मौन रहना चाहिए। मौनी अमावस्या का अर्थ – इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बनाया गया है। शास्त्रों में भी वर्णित है कि होठो से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुणा अधिक पुण्य मन में हरि का नाम लेने से (मानसिक जाप से)…

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बसंत पंचमी – Basant Panchami in Hindi Basant Panchami in Hindi – बसंत ऋतु का आगमन बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर्व से होता है। शांत, ठंडी, मंद वायु, कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सब को नवप्राण व उत्साह से स्पर्श करती है। पत्रपटल तथा पुष्प खिल उठते हैं। स्त्रियाँ पीले- वस्त्र पहन,

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