Author: Team Bhaktisatsang

भक्ति सत्संग वेबसाइट ईश्वरीय भक्ति में ओतप्रोत रहने वाले उन सभी मनुष्यो के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिन्हे अपने निज जीवन में सदैव ईश्वर और ईश्वरत्व का एहसास रहा है और महाज्ञानियो द्वारा बतलाये गए सत के पथ पर चलने हेतु तत्पर है | यहाँ पधारने के लिए आप सभी महानुभावो को कोटि कोटि प्रणाम

  बुध बीज मन्त्र  ॐ ब्राँ ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः || बुध अष्टोत्तर शतनामवलिः – Budha Ashtottara Shatanamavali  ॐ बुधाय नमः || ॐ बुधार्चिताय नमः || ॐ सौम्याय नमः || ॐ सौम्यचित्ताय नमः || ॐ शुभ: प्रदाय नमः || ॐ दृढव्रताय नमः || ॐ दृढफलाय नमः || ॐ श्रुतिजालप्रबोधकाय नमः || ॐ सत्यवासाय नमः ||

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दशरथ कृत शनि स्तोत्र – Dashrath Krit Shani Stotra शनि स्तोत्र (Shani Stotra in Hindi) जो भी जातक शनि ग्रह, शनि साढ़ेसात‍ी, शनि ढैया या शनि की महादशा से पीड़ित हैं उन्हें दशरथ कृत शनि स्तोत्र (Shani Stotram) का नियमित पाठ करना चाहिए। इस पाठ को नियमित करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं तथा

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  श्री महालक्ष्मी कवच – Shri Mahalakshmi Kavach Hindi Lyrics नारायण उवाच सर्व सम्पत्प्रदस्यास्य कवचस्य प्रजापतिः। ऋषिश्छन्दश्च बृहती देवी पद्मालया स्वयम्।।१ धर्मार्थकाममोक्षेषु विनियोगः प्रकीर्तितः। पुण्यबीजं च महतां कवचं परमाद्भुतम्।।२ ॐ ह्रीं कमलवासिन्यै स्वाहा मे पातु मस्तकम्। श्रीं मे पातु कपालं च लोचने श्रीं श्रियै नमः।।३ ॐ श्रीं श्रियै स्वाहेति च कर्णयुग्मं सदावतु। ॐ श्रीं ह्रीं

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देवकृत लक्ष्मी स्तोत्रम – Shri Lakshmi Strotam Mantra Japa क्षमस्व भगवंत्यव क्षमाशीले परात्परे | शुद्धसत्त्वस्वरूपे च कोपादिपरिवर्जिते || उपमे सर्वसाध्वीनां देवीनां देवपूजिते | त्वया विना जगत्सर्वं मृततुल्यं च निष्फलम् || सर्वसंपत्स्वरूपा त्वं सर्वेषां सर्वरूपिणी | रासेश्वर्यधि देवी त्वं त्वत्कलाः सर्वयोषितः || कैलासे पार्वती त्वं च क्षीरोदे सिन्धुकन्यका | स्वर्गे च स्वर्गलक्ष्मीस्त्वं मर्त्यलक्ष्मीश्च भूतले || वैकुंठे

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श्री राम मंत्र और श्लोक – Shri Ram Mantra & Ram Shlok राम मंत्र (Ram Mantra) – हम आपको भगवान श्री राम के मंत्र (Shri Ram Mantra & Ram Shlok) की जानकारी दे रहें हैं | श्री राम मंत्र और राम श्लोक का जाप करने से साधक को अपने जीवन में सौभाग्य और सुख की

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कुम्भ मेला – Kumbha Mela कुम्भ पर्व (mahakumbh) विश्व मे किसी भी धार्मिक प्रयोजन हेतु भक्तो का सबसे बड़ा संग्रहण है । सैंकड़ो की संख्या में लोग इस पावन पर्व में उपस्थित होते हैं । कुम्भ (kumbh) का संस्कृत अर्थ है कलश, ज्योतिष शास्त्र में कुम्भ राशि का भी यही चिन्ह है । हिन्दू धर्म

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हाथ किस तरह देखें ? | How To Read Hand According to Palmistry Hast Rekha Vigyan : हाथ देखने वाले (Palmistry Reader) को चाहिए कि हाथ देखने वाले व्यक्ति के सामने इस तरह बैठे कि जातक के हाथ पर अच्छी तरह रोशनी पड़ सकें । क्योंकि रोशनी जितनी अधिक और अच्छी होगी, हाथ की रेखाऐं उतनी आसानी से देखी जा सकती हैं। जब हाथ देखा जा रहा हो, तब वहाँ तीसरे व्यक्ति का होना वर्जित हैं। क्योंकि वह अचानक कोई भी सवाल करके आप के काम में बाधा उत्पन्न कर सकता हैं। फिर भी बिन्दु मत के अनुसार सूर्योदय के…

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मनुष्य कल्याण हेतु किये जाने वाले कर्म और कर्तव्य १. दो घटी अर्थात्‌ अड्तालीस मिनट का एक मुहूर्त होता है । पन्द्रह मुहूर्त का एक दिन और पन्द्रह मुहूर्त की एक रात होती है । सूर्योदय से तीन मुहूर्त का ‘ प्रात: काल ‘, फिर तीन मुहूर्त का ‘ संगवकाल ‘, फिर तीन मुहूर्त का मध्याह्काल’, फिर तीन मुहूर्त का ‘ अपराह्वकाल ‘ और उसके बाद तीन मुहूर्त का ‘ सायाह्काल ‘ होता है । २. मनुष्य को चाहिये कि वह स्नान आदि से शुद्ध होकर पूर्वाह्न में देवता- सम्बन्धी कार्य (दान आदि), मध्याह्म में मनुष्य-सम्बन्धी कार्य और अपराह्म में…

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  शुक्र बीज मन्त्र – Shukra Beej Mantra ॐ द्राँ द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः || Mantra for Shukra Graha – शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी मंत्र की शक्ति उसके बीज मंत्र में समाहित होती है। शुक्र ग्रह को तेज करने के लिए ओम द्राँ द्रीं द्रों सः शुक्राय नमः बीज मंत्र

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  राहु बीज मन्त्र – Beej Mantra for Rahu Mp3 Download Free Beej Mantra for Rahu – नौ रत्ती का गोमेद रत्न पंचधातु या रत्न को लोहे की अंगूठी में जड़वा कर शनिवार के दिन राहु बीज मंत्र- “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” (Beej Mantra for Rahu) का 108 बार उच्चारण कर अभिमंत्रित

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