बुध ग्रह : जाने बीज मन्त्र, राशि स्वामी, शुभ, अशुभ फल और ग्रह शांति के ज्योतिषीय उपाय

बुध ग्रह का परिचय – Mercury Planet in Hindi 

सूर्य के सबसे निकटतम बुध ग्रह (Bugh grah) है। देवों की सभा में बुध को राजकुमार कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में बुद्ध का एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे एक शुभ ग्रह माना जाता है। परन्तु कुछ परिस्थितियों में या अशुभकारी ग्रह के संगम से यह हानिकर भी हो सकता है। बुध दो राशियों मिथुन एवं कन्या का स्वामी है और कन्या राशि में उच्च भाव (benefic house) में स्थित रहता है तथा मीन राशि में नीच भाव में रहता है। इसकी सूर्य और शुक्र के साथ मित्रता तथा चंद्रमा से शत्रुतापूर्ण और अन्य ग्रहों के प्रति तटस्थ रहता है। यह ग्रह बुद्धि, नेटवर्किंग (Networking) , विश्लेषण, चेतना (विशेष रूप से त्वचा), चर्चा, गणित, व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान (research) का प्रतिनिधित्व करता है। बुध तीन नक्षत्रों का स्यावामी है: अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती (नक्षत्र)। हरे रंग, धातु-पीतल और रत्नों में पन्ना बुद्ध की प्रिय वस्तुएं हैं। इसके साथ जुड़ी दिशा उत्तर है, मौसम शरद ऋतु और तत्व पृथ्वी है।

बुध ग्रह की कुछ विशेषताएं – Budh Planet in Vedic Astrology

रंग – हरा
अंक 5
दिनबुधवार
दिशा – उत्तर पश्चिमी
राशिस्वामी – मिथुन (Gemini) और कन्या (Virgo)
नक्षत्र स्वामी – अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती
रत्न (Stone/Gems) – पन्ना
धातु – कांस्य / पीतल
देव– भगवान विष्णु
उच्च राशि – कन्या (Virgo)
नीच राशि– मीन (Pisces)
मूल त्रिकोण – कन्या (Virgo)
महादशा समय– 17 वर्ष
बुध का बीज मन्त्र – ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:

बुध का कारकत्व और स्वभाव – Budh in Hindi Jyotish

बुध मस्तिष्क, जिवाः, स्नायु तंत्र, त्वचा, वाक-शक्ति, गर्दन आदि का प्रतिनिधित्व करता है। यह स्मरण शक्ति के कम होना, सिर दर्द, त्वचा के रोग, दौरे, चेचक, पित, कफ और वायु प्रकृति के रोग, गूंगापन जैसे विभिन्न रोगों का कारक है।

बुध ग्रह के अशुभ फल या लक्षण – Budh ke Ashubh Fal

यदि निचे दिए गए कुछ बाधाओं या अशुभ फलों को आप अपने जीवन में देख रहे हैं तो हो सकते है के वो बुध के प्रभाव के कारण हो!
आवाज़ खराब होना, सूँघने की शक्ति क्षीण, बहन, बुआ और मौसी पर कष्ट, शिक्षा में व्यवधान, बहुत बोलना, कटु बोलना, जल्दीबाजी में निर्णय लेना, दाँतो की बीमारी, मानसिक तनाव, व्यापर और शेयर में नुक्सान, गणित कमजोर होना, बुद्धिवाद का अहंकार

बुध ग्रह के शुभ फल या लक्षण – Budh ke Shubh Fal

बुध ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में कुछ प्रभाव देखे जा सकते हैं जिनमे से कुछ हैं:
सुंदर देह और व्यक्ति का ज्ञानी तथा चतुर होना! ऐसा व्यक्ति अच्छा प्रवक्ता भी होता है और उसकी बातों का असर भी होता है! सूंघने की क्षमता भी अधिक होती है और व्यापार में भी लाभ प्राप्त करता है! बहन, मौसी और बुआ की स्थिति भी संतोषजनक होती है .

बुध ग्रह के कारन होनेवाली परेशानियों के उपाय – Budh grah ke Upay in Hindi

1.बुध पीड़ा की विशेष शांति हेतु चावल, शहद, सरसों,गोबर, गोरोचन एवं नवारी मलवत मिलाकर सात बुधवार तक स्नान करें।

2. हरिवंश पुराण के अनुसार जातक को महाविष्णु या अतिविष्णु यज्ञ कर कांस्यपात्र में दूध देना चाहिए।

3. बुद्धिस्थान को मजबूत करने हेतु तथा धन प्राप्ति हेतु सोने से निर्मित पन्ना-युक्त बुध यंत्र लॉकेट अपने गले में धारण करें।

4. एक रत्ती स्वर्ण का बुधवार के दिन दान करें।

5. ग्यारह बुधवार तक एक मुट्ठी मूंग भिखारियों को दान करें।

6. प्रत्येक बुधवार का व्रत ५,११ या ४३ हफ़्तों तक करें।

7. साबुत मूंग, हरी चीजें दान करें या जल में प्रवाहित करें।

8. ताम्बे के सिक्के में छेद करके बहते पानी में बहाएं।

9. पन्ना धारण करें। पन्ने के अभाव में काली धारण करें।

10. लड़की, बहन, बुआ,साली की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।

11. कौड़ियों को जलाकर बहते पानी में बहाएं।

12. बुध उच्च हो तो बुध की चीजों का दान नहीं दे और बुध नीच हो तो बुध की चीजों का दान न लें।

13. हिंजड़ों को हरी चूड़ियाँ, हरे रंग के कपडे बुधवार को दान में देवें।

14. अनिष्ट बुध की शांति का सर्वोत्तम उपाय बुध मन्त्र के अनुष्ठान सहित नित्य विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ है।

15. नित्य शालिग्राम पूजन करके तुलसीपत्र का सेवन करें तथा मन्त्र जाप करें।

16. शत्रुबाधा एवं अभिचार कर्मों के शमन के लिए प्रत्यंगिरा जप तथा हवन अचूक अमोघ एवं शीघ्र प्रभावी उपाय है।

17. व्यापारिक अड़चनों एवं संतान कष्ट में गोपाल सहस्त्रनाम एवं कृष्ण पूजा नियमित रूपेण करें।

18. शारीरिक व्याधियों के लिए महाधनंतीर मन्त्र अथवा मृत्युंजय प्रयोग करें।

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