Dharmik Katha

दानवीर विक्रमादित्य

दानवीर विक्रमादित्य | Vikramaditya एक दिन राजा विक्रमादित्य दरबार को सम्बोधित कर रहे थे तभी किसी ने सूचना दी कि एक ब्राह्मण उनसे मिलना चाहता है। विक्रमादित्य ने कहा कि […]

धर्मराज को श्राप

धर्मराज को श्राप | Dharmraj Shrap एक धर्मात्मा ब्राह्मण थे, उनका नाम मांडव्य था| वे बड़े सदाचारी और तपोनिष्ठ थे| संसार के सुखों और भोगों से दूर वन में आश्रम

कर्ण की दानवीरता

कर्ण की दानवीरता | Karan Ki Daanveerta महाभारत के युद्ध का सत्रहवां दिन समाप्त हो गया था| महारथी कर्ण रणभूमि में गिर चुके थे| पांडव-शिविर में आनंदोत्सव हो रहा था|

दुष्यंत एवं शकुन्तला की कथा

दुष्यंत एवं शकुन्तला की कथा | Dushyanth Shakuntala Story एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यंत आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये थे उसी वन

मायावी घटोत्कच

मायावी घटोत्कच | Ghatotkach भीमसेन का विवाह हिडिंबा नाम की एक राक्षसी के साथ भी हुआ था| वह भीमसेन पर आसक्त हो गई थी और उसने स्वयं आकर माता कुंती

दानवीर कर्ण

दानवीर कर्ण | Daavveer Karan कर्ण कुंती का पुत्र था| पाण्डु के साथ कुंती का विवाह होने से पहले ही इसका जन्म हो चुका था| लोक-लज्जा के कारण उसने यह

शनि की महत्ता

शनि की महत्ता | Shani Katha एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ और फिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति

एकलव्य की गुरुभक्ति

एकलव्य की गुरुभक्ति | Eklawya Gurubhakti आचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे

संत कंवर राम की प्रभु भक्ति

संत कंवर राम की प्रभु भक्ति | Saint Kanwar Ram सिंध में कंवर राम नामक एक प्रसिद्ध संत हो गए हैं। वे गांव-गांव जाकर भगवद्भजन के माध्यम से भक्ति का

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