जपे ओम नमः शिवाय – Jape Om Namh Shivay
श्वेत हिमाचल सा तन सुहाना, (शिव शिव… शिव शिव…)
गंग धार शीश पे प्यारा।
चंद्र मुकुट पे जटा लहराए,
भस्म से अंग की शोभा बढ़ाये ॥
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
कंठ में शोभे नागों की माला,
गूंजे डमरू की मधुर तान।
त्रिशूल हाथ में, करुणा की वो गाथा,
रुद्र रूप में पालन हार॥
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
गर्जन कर जब तांडव करते,
डगमग सारा जग हो जाए।
भक्तन पर जब कृपा बरसाएं,
भवसागर से पार वो लगाए॥
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
दिगंबर, कैलाश के स्वामी,
अघोरेश्वर, कृपानिधान।
जो भी तेरा नाम पुकारे,
मिट जाए संताप महान॥
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
ओम नमः शिवाय उच्चारे, (शिव शिव… शिव शिव…)
शरण तुम्हारी जो भी आए,
भव बंधन से मुक्ति वो पाए॥
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
जपे ओम नमः शिवाय… ओम नमः शिवाय…
बोलो हर हर महादेव की जय !!