गरुड़ पुराण – मृत्यु के समय इन 5 उपायों से बैकुंठ जाती है आत्मा

गरुड़ पुराण रहस्य . – Garud Puran in Hindi

सनातन धर्म में यह मान्यता है कि मृत्यु के बाद भी एक दुनिया है जहां पाप और पुण्य का हिसाब होता है। धरती पर किए गए पुण्यों के बदले पुण्यात्माओं को स्वर्ग मिलता है और पाप करने वाले पापियों को नर्क की यातना सहनी पड़ती है। आम तौर पर हर सज्जन मनुष्य इसी कोशिश में रहता है कि उसके हाथों कोई पाप न हो जाये लेकिन फिर भी कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हम जाने-अनजाने में या फिर ज्ञान के अभाव में ही कोई पाप कर बैठते हैं जिसका हमें कोई अंदाजा ही नहीं रहता है। मान्यता है कि ऐसे पापों के बदले भी यमराज दंड देते हैं।

ऐसे में गरुड़ पुराण (Garud Puran) में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें अगर कोई इंसान किसी के मृत्यु के वक़्त अपनाए तो यमराज उस मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को दंड नहीं देते हैं और साथ ही उसकी मृत्यु भी काफी शांति से होती है। आज इस लेख में हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बताने वाले हैं।

  • सनातन धर्म में गंगा को मोक्षदायिनी और पापनाशिनी कहा गया है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार अगर किसी मरते हुए व्यक्ति के मुख में पवित्र गंगाजल डाला जाये तो उस व्यक्ति की आत्मा को यमराज दंड नहीं देते हैं। इसके साथ-साथ उस व्यक्ति की मृत्यु भी बिना कष्ट के होती है।
  • श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कई ऐसी बातें अर्जुन को बताई हैं जो मृत्यु और जीवन से जुड़ी हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार अगर मरते हुए किसी व्यक्ति को गीता के श्लोक सुनाये जाएं तो उसकी मृत्यु काफी शांति भरी होती है। साथ ही ऐसे जातक को मृत्यु के उपरांत यमराज के कोप का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। यही वजह है कि इसे हरिप्रिया भी कहा जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि किसी मरते हुए व्यक्ति के मुख में तुलसी का एक पत्ता रख दिया जाये तो उसे प्राण त्यागने में कोई कष्ट नहीं होता है।
  • यदि कोई मरता हुआ व्यक्ति ईश्वर के नाम का जाप करता रहे तो उसे भी यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही भगवान श्री हरि विष्णु उसे अपने श्री चरणों में स्थान देते हैं।
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