Upanishads

108 उपनिषद के नाम और 11 मुख्य उपनिषद

108 उपनिषद के नाम – 11 मुख्य उपनिषद हिन्दू धर्म के अनुसार कुल मिलाकर 108 उपनिषद् वर्णित है, यह सारे उपनिषद वास्तविक रूप से हिन्दू धर्म की दार्शनिक अवधारणा एवं विचारो […]

माण्डूक्योपनिषद – समस्त भूत भविष्य और वर्तमान ओमकार मे ही निहित है

माण्डूक्योपनिषद – Mandukya Upanishad Pdf हे देवगण! हम कानों से कल्याणमय वचन सुने। यज्ञ कर्म में समर्थ होकर नेत्रों से शुभ दर्शन करें तथा अपने स्थिर अंग और शरीरों से

prashnopnishad

प्रश्नोपनिषद : महर्षि पिप्पलाद और 6 ऋषियों के बीच हुवे आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी का संकलन

प्रश्नोपनिषद – Prashna Upanishad प्रश्नोपनिषद (Prashnopanishad PDF) अथर्ववेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। इसके रचियता वैदिक काल के ऋषियों को माना जाता

अथर्ववेदोपनिषद : कई महान उपनिषद का स्त्रोत

अथर्ववेदोपनिषद  – अर्थवेद के उपनिषद प्रश्नोपनिषद – यह अथर्ववेद की पैप्पलाद शाखा से सम्बद्ध उपनिषद है। यह उपनिषद ६ ऋषि महर्षि पिप्पलाद से अध्यात्म-विषयक प्रश्न पूछते हैं। उपनिषद में महर्षि

कृष्णयजुर्वेदीयोपनिषद : ब्रह्म आनंद और सत्य ज्ञान की महिमा मंडित करता विशिष्ट उपनिषद

कृष्णयजुर्वेदीयोपनिषद – कृष्ण यजुर्वेद के उपनिषद तैत्तिरीयोपनिषद ………………………… कृष्ण आयुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा के तैत्तिरीय आरण्यक के सप्तम से नवं प्रपाठक को तैत्तिरीयोपनिषद कहते है। इसमें ३३ आध्याय है जिन्हें

यजुर्वेदीयोपनिषद : शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद का जन्मदाता

यजुर्वेदीयोपनिषद – यजुर्वेद के उपनिषद यजुर्वेदीय उपनिषद के दो भाग है शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद शुक्ल यजुर्वेद के उपनिषद इशावास्योपनिषद  यजुर्वेद सहिंता के चालीसवें अध्याय को ईशावास्योपनिषद कहा जाता

ऐतरेयोपनिषद : मानव-शरीर की उत्पत्ति रहस्य बतलाने वाला उपनिषद

ऐतरेयोपनिषद प्रथम अध्याय इस उपनिषद के प्रथम अध्याय में तीन खण्ड हैं पहले खण्ड में सृष्टि का जन्म, दूसरे खण्ड में मानव-शरीर की उत्पत्ति और तीसरे खण्ड में उपास्य देवों

ऋग्वेदीयोपनिषद : जन्म, जीवन और मरण का वर्णन करता उपनिषद

ऋग्वेद के उपनिषद – ऋग्वेदीयोपनिषद  ऐतरेयोपनिषद ऋग्वेद के ऐतरेय आरण्यक के द्वितीय खंड के अंतर्गत चतुर्थ से षष्ठ अध्याय को ऐतरेय उपनिषद माना जाता है। इसमें 3 अध्याय है जिसमें

मुण्डकोपनिषद – मस्तिक्ष को अत्यधिक शक्ति देने वाला

मुण्डकोपनिषद – Mundakopnishad Pdf मदकू द्वीप मुण्डकोपनिषद के रचयिता ऋषि माण्डूक्य की तप स्थली रही है। यही पर उन्होंने इसकी रचना करी थी, मुण्डकोपनिषद अथर्ववेद की शौनकीय शाखा से सम्बन्धित

छान्दोग्योपनिषद – ‘ॐकार’ की अध्यात्मिक महत्ता को समझाता उपनिषद

छान्दोग्योपनिषद – Chandogya Upanishad pdf सामवेद की तलवकार शाखा में इस उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही इस उपनिषद में लिये गये

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