शुक्रवार व्रत कथा
शुक्रवार व्रत कथा | Shukravar Vrat Katha शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है, जिसकी कथाइस प्रकार से है- एक बुढिय़ा थी, उसके सात बेटे थे। 6 […]
शुक्रवार व्रत कथा | Shukravar Vrat Katha शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है, जिसकी कथाइस प्रकार से है- एक बुढिय़ा थी, उसके सात बेटे थे। 6 […]
करवा चौथ व्रत की कथा | Karva Chauth Ki Katha करवा चौथ के दिन व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य माना गया है। करवा चौथ की कई कथाएं है लेकिन सबका मूल
चाणक्य नीति | Chankya Niti कौन थे आचार्य चाणक्य भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। एक समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी
संपदा देवी की कथा | Sampada Dalvi Ki Katha एक समय की बात है। राजा नल अपनी पत्नी दमयंती के साथ बड़े प्रेम से राज्य करता था। होली के अगले
सच्चा दानवीर | Saacha danveer एक बार अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा, ‘मैंने आज तक संसार में बड़े भ्राता युधिष्ठिर जितना दानवीर कोई दूसरा नहीं देखा।’ श्रीकृष्ण बोले, ‘पार्थ,
भाई दूज व्रत कथा | Bhai Dooj Katha भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह के प्रतीक का पर्व भाई दूज की कथा इस प्रकार से है- भगवान सूर्यदेव की पत्नी
कहानी पाटलिपुत्र की : Story Of patliputra बहुत समय पहले हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में एक दक्षिण भारतीयब्राह्मण रहता था| उसके तीन बेटे थे| युवा होने पर ब्राह्मण ने उन्हेंविद्या
कुंती का त्याग | Kunti Ka Tyag पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे| वे ब्राह्मणों कावेश धारण किए हुए थे| भिक्षा मांगकर खाते थे और रात में वृक्ष के नीचे सो जायाकरते थे| भाग्य और समय की यह कैसी अद्भुत लीला है| जो पांडव हस्तिनापुरराज्य के भागीदार हैं और जो सारे जगत को अपनी मुट्ठी में करने में समर्थ हैं, उन्हीं को आज भिक्षा पर जीवन-यापन करना पड़ रहा है| दोपहर के बाद का समय था| पांडव अपनी मां कुंती के साथ वन के मार्ग से आगे बढ़ते जा रहे थे| सहसा
नवरात्र की कथा – महिषासुर वध की कथा नवरात्रि की कहानी – प्राचीन समय में राजा सुरथ नाम के राजा थे, राजा प्रजा की रक्षा में उदासीन रहने लगे थे,
भीष्म की प्रतिज्ञा | Bhishma Pratigya एक बार हस्तिनापुर के महाराज प्रतीप गंगा के किनारे तपस्या कररहे थे। उनके रूप सौन्दर्य से मोहित हो कर देवी गंगा उनकी दाहिनीजाँघ पर