क्या है प्रदोष व्रत ? – Pradosh Vrat Kab Hai
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक व्रत है जो की हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Katha) प्रदोष काल में ही करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद रात्रि के प्रथम पहर को जिसे की सांयकाल या तीसरा पहर भी कहते है, प्रदोष काल कहलाता है। हिन्दू पंचांग में एक साल में 12 महीने होते है इस तरह एक साल में 24 प्रदोष व्रत आते है। जबकि हर तीसरे साल एक अधिक मास आता है, उस साल 26 प्रदोष व्रत होते हैं।
अलग-अलग तरह के प्रदोष व्रत – Types Of Pradosh Vrat
- सोमवार को आने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम या चन्द्र प्रदोषम भी कहा जाता है।
- मंगलवार को आने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोषम कहा जाता है।
- शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोषम कहा जाता है।
यह भी पढ़े –
- प्रदोष व्रत कथा : जानिए क्या है इस व्रत का महत्व, कैसे करें पूजा?
- प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है ? कितने प्रकार के होते है ?
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत में महादेव व माता पार्वती की उपासना की जाती है। व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से स्कंद पुराण में वर्णन किया गया है। साधक प्रदोष व्रत का पालन अपने जीवन में हर तरह के सुख की प्राप्ति के लिए करता है। इस व्रत को स्त्री तथा पुरूष दोनों कर सकते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से साधक पर भगवान शिव की कृपा दृष्टि बनती है। साधक अपने पाप कर्मों से मुक्त हो जाता है।
प्रदोष व्रत तिथि 2022 – Pradosh Vrat 2022 dates
त्रयोदशी तिथि जनवरी में
पौष, शुक्ल त्रयोदशी, शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 15 जनवरी 2022
14 जनवरी रात 10:19 बजे – 16 जनवरी दोपहर 12:57 बजे
माघ, कृष्ण त्रयोदशी, रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 30 जनवरी 2022
29 जनवरी रात 08:37 बजे – 30 जनवरी शाम 05:29 बजे
त्रयोदशी तिथि फरवरी में
माघ, शुक्ल त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 14 फरवरी 2022
13 फरवरी शाम 06:42 बजे – 14 फरवरी रात 08:28 बजे
फाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 28 फरवरी 2022
28 फरवरी सुबह 05:43 बजे – 01 मार्च सुबह 03:16 बजे
त्रयोदशी तिथि मार्च में
फाल्गुन, शुक्ल त्रयोदशी, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 15 मार्च 2022
15 मार्च दोपहर 01:12 बजे – 16 मार्च दोपहर 01:40 बजे
चैत्र, कृष्ण त्रयोदशी, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 29 मार्च 2022
29 मार्च दोपहर 02:38 बजे – 30 मार्च दोपहर 01:19 बजे
त्रयोदशी तिथि अप्रैल में
चैत्र, शुक्ल त्रयोदशी, गुरु प्रदोष व्रत
गुरुवार, 14 अप्रैल 2022
14 अप्रैल सुबह 04:50 बजे – 15 अप्रैल सुबह 03:56 बजे
वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी, गुरु प्रदोष व्रत
गुरुवार, 28 अप्रैल 2022
28 अप्रैल दोपहर 12:24 बजे – 29 अप्रैल दोपहर 12:27 बजे
त्रयोदशी तिथि मई में
वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 13 मई 2022
13 मई को शाम 05:27 बजे – 14 मई को दोपहर 03:23 बजे
ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 27 मई 2022
27 मई सुबह 11:48 बजे – 28 मई दोपहर 01:10 बजे
त्रयोदशी तिथि जून में
ज्येष्ठ, शुक्ल त्रयोदशी, रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 12 जून 2022
12 जून सुबह 03:24 बजे – 13 जून दोपहर 12:27 बजे
आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी, रवि प्रदोष व्रत
रविवार, 26 जून 2022
26 जून सुबह 01:10 बजे – 27 जून सुबह 03:26 बजे
त्रयोदशी तिथि जुलाई में
आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 11 जुलाई 2022
11 जुलाई सुबह 11:14 बजे – 12 जुलाई सुबह 07:46 बजे
श्रवण, कृष्ण त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 25 जुलाई 2022
25 जुलाई शाम 04:16 बजे – 26 जुलाई शाम 06:47 बजे
त्रयोदशी तिथि अगस्त में
श्रवण, शुक्ल त्रयोदशी, भौम प्रदोष व्रत
मंगलवार, 09 अगस्त 2022
09 अगस्त शाम 05:46 बजे – 10 अगस्त दोपहर 02:16 बजे
भाद्रपद, कृष्ण त्रयोदशी, बुद्ध प्रदोष व्रत
बुधवार, 24 अगस्त 2022
24 अगस्त सुबह 08:31 बजे – 25 अगस्त सुबह 10:38 बजे
त्रयोदशी तिथि सितंबर में
भाद्रपद, शुक्ल त्रयोदशी, गुरु प्रदोष व्रत
गुरुवार, 08 सितंबर 2022
08 सितंबर को दोपहर 12:05 बजे – 08 सितंबर को रात 09:03 बजे
अश्विना, कृष्ण त्रयोदशी, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 23 सितंबर 2022
23 सितंबर सुबह 01:18 बजे – 24 सितंबर सुबह 02:31 बजे
त्रयोदशी तिथि अक्टूबर में
अश्विना, शुक्ल त्रयोदशी, शुक्र प्रदोष व्रत
शुक्रवार, 07 अक्टूबर 2022
07 अक्टूबर सुबह 07:27 बजे – 08 अक्टूबर सुबह 05:25 बजे
कार्तिका, कृष्ण त्रयोदशी, शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
22 अक्टूबर को शाम 06:03 बजे – 23 अक्टूबर को शाम 06:03 बजे
त्रयोदशी तिथि नवंबर में
कार्तिका, शुक्ल त्रयोदशी, शनि प्रदोष व्रत
शनिवार, 05 नवंबर 2022
05 नवंबर शाम 05:07 बजे – 06 नवंबर शाम 04:29 बजे
मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 21 नवंबर 2022
21 नवंबर सुबह 10:07 बजे – 22 नवंबर सुबह 08:49 बजे
त्रयोदशी तिथि दिसंबर में
मार्गशीर्ष, शुक्ल त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत
सोमवार, 05 दिसंबर 2022
05 दिसंबर सुबह 05:77 बजे – 06 दिसंबर सुबह 06:47 बजे
पौष, कृष्ण त्रयोदशी, बुद्ध प्रदोष व्रत
बुधवार, 21 दिसंबर 2022
21 दिसंबर सुबह 00:45 बजे – 22 दिसंबर रात 10:16 बजे
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत अन्य दूसरे व्रतों से अधिक शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता यह भी है इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है एवं मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसी तरह प्रदोष व्रत रखने एवं दो गाय दान करने से भी यही सिद्धी प्राप्त होती है एवं भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
अलग-अलग वार (सप्ताह का दिन) के लाभ
- रविवार के दिन व्रत रखने से अच्छी सेहत एवं उम्र लम्बी होती है।
- सोमवार के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती है।
- मंगलवार के दिन व्रत रखने से बीमारीयों से राहत मिलती है।
- बुधवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाऐं एवं इच्छाऐं पूर्ण होती है।
- वृहस्पतिवार को व्रत रखने से दुश्मनों का नाश होता है।
- शुक्रवार को व्रत रखने से शादीशुदा जिंदगी एवं भाग्य अच्छा होता है।
- शनिवार को व्रत रखने से संतान प्राप्त होती है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पूजा का सही समय
सभी शिव मन्दिरों में शाम के समय प्रदोषम मंत्र का जाप किया जाता है।