नवरात्री के चौथे दिन करे माँ कूष्मांडा की पूजा, मंत्र और आरती

माँ कूष्मांडा की पूजा मंत्र और आरती – Kushmanda Devi माता दुर्गा का चतुर्थ कूष्मांडा हैं। अपने उदर से अंड अर्थात् ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी […]

माँ कूष्मांडा के मंत्र, कवच और स्त्रोत – Maa Kushmanda Mantra

माँ कूष्मांडा मंत्र – Maa Kushmanda Mantra  भगवती माँ दुर्गा जी के चौथे स्वरुप का नाम कूष्मांडा है। देवी कूष्माण्डा अपनी मन्द मुस्कान से अण्ड अर्थात ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने

शक्ति अर्जन हेतु तप और साधना का पर्व नवरात्री

शक्ति अर्जन हेतु तप का संदेशा लाई नवरात्री चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को चैत्र नवरात्रारंभ हो रहा है। नवरात्री शक्ति-साधना का संधिपर्व है। शक्ति की साधना सधती है-शक्ति-संचय एवं इस संचित-शक्ति

माँ चन्द्रघण्टा मंत्र, ध्यान मंत्र, स्तोत्र और कवच

माँ चन्द्रघण्टा मंत्र – Maa Chandraghanta Mantra माँ चंद्रघंटा माँ पार्वती का सुहागिन स्वरुप है. इस स्वरुप में माँ के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा सुशोभित है इसीलिए

मां चंद्रघंटा का स्वरूप और मां चंद्रघंटा मंत्र, बीज मंत्र, कवच स्तोत्र

मां चंद्रघंटा का स्वरूप  मां चंद्रघंटा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान

नवरात्री विशेष – स्वयं देवी माँ अवतरित होती है माँ के रूप में

  नवरात्री – स्वयं देवी माँ अवतरित होती है माँ के रूप में नवरात्री – हम माँ दुर्गा-भगवती की आराधना करते हैं, लेकिन यदि हम अपनी जननी माता की सेवा

नवरात्री में इन अनुष्ठान और पूजा से करे सभी समस्याओ का अंत

नवरात्री का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है | नवरात्रो का समय बेहद पावन और लाभकारी माना जाता है | यदि आप अपने जीवन में समस्यायों से ग्रसित है और

माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र, कवच, स्तोत्र और बीज मंत्र

माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र, कवच, स्तोत्र और बीज मंत्र माँ दुर्गा की नवशक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी देवी का

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नवरात्री में करे नवग्रहों की शांति का उपाय

नवरात्री में नवग्रहों की शांति  नवरात्री में करे नवग्रहों की शांति का उपाय – आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मां दुर्गा की आराधना का पर्व आरंभ हो

नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी – बीज मंत्र, कथा और पूजन विधि

माँ दुर्गा का दूसरा स्वरूप है माँ ब्रह्मचारिणी  माँ ब्रह्मचारिणी की कथा – भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के

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