वैष्णोव देवी की आरती – Vaishno Mata ki Aarti
Vaishno Mata ki Aarti – नवरात्र में दुर्गा मां (Durga Mata ki Aarti) के विभिन्न शक्ति रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मां के नौ रूपों की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है। साथ ही नवरात्र में दुर्गा जी की आरती (Vaishno devi ki Aarti) करने से भी मनोकामनाओं की पूर्ति होने की बात कही गई है। आज हम आपके लिए दुर्गा मां की आरती (Maa Vaishno ki Aarti) लेकर आए हैं। अगर आप मंदिर जाकर मां दुर्गा का दर्शन और आरती (Durga Mata Aarti Lyrics) नहीं कर पा रहे हैं। तो हमारे साथ घर बैठे कीजिए……
वैष्णोव देवी की आरती – Vaishno devi ki Aarti
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जयकार मन्दर विच,
आरती जय माँ.,
हे दरबारा वाली आरती जय माँ,
हे पहाडा वाली आरती जय माँ,
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावा विच बाती
मन्दर विच आरती जय माँ
हे सोहे चोलेवाली आरती जय माँ
हे पहाडा वाली आरती जय माँ
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावा
अगर कपूर पावा बाती मन्दिर विच
आरती जय माँ
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ
हे पहाडोवाली आरती जय माँ
कोनसुहागन दिवा वालिया मेरी मैया
कोन जागेगा सारी रात मंदर विच
आरती जय माँ
सचिया ज्योतावाली आरती माँ
हे पहाडावाली आरती माँ
सर्व सुहागन दिवा वालिया मेरी मैया
ज्योत जागेगी सारी रात मंदर विच
आरती जय माँ
हे माँ चिंतारानी आरती जय माँ
हे पहाडावाली आरती जय माँ
जुग जुग जिवे तेरा जम्मुबे दा राजा
जिस तेरा भवन बनाया मंदिर विच
आरती जय माँ
हे माँ अम्बे रानी आरती जय माँ
हे पहाडावाली आरती जय माँ
सिमरन चरण तेरा ध्यान यश गावे
जो ध्यावे सो यो फल पावे
रख पाने दी लाज मंदर विच
आरती जय माँ.,
सोने मंदिरा वाली
हे पहाडा वाली आरती जय माँ,
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जयकार मन्दिर विच,
आरती जय माँ,
हे दरबारा वाली आरती जय माँ
हे पहाडा वाली आरती जय माँ
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