लाभ पंचमी कब है 2024 | Labh Panchami 2024
लाभ पंचमी 2024 में 7 नवंबर को मनाई जाएगी। यह दिवाली के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन नए काम की शुरुआत करना, पुस्तकों और खाते-बही की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर दोपहर तक रहेगा, जो संपत्ति और समृद्धि का आह्वान करने के लिए आदर्श समय है। इस त्योहार का महत्व केवल आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है। Labh Panchami 2024 हर व्यक्ति के जीवन में उन्नति और सफलता लाने का संदेश देती है।
लाभ पंचमी के अनुष्ठान क्या हैं?
लाभ पंचमी के दिन, लोग शारदा पूजा भी करते हैं यदि वे दीवाली के समय इसे भूल गये थे।व्यापारिक समुदाय से जुड़े सभी लोग, इस विशेष दिन अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को खोलते हैं और नए बही-खातों की पूजा करते हैं। व्यवसायिक लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेशजी से प्रार्थनाऐं और पूजा करते हैं ताकि वे आने वाले वर्ष के लिए सफलता का आशीर्वाद पा सकें।रिश्तेदार और मित्र एक दूसरे के साथ ‘मीठे रिश्तों’ के प्रतीक के रूप में मिठाई और उपहार के साथ शुभकामनाऐं देते हैं। कुछ विशिष्ट संस्कृतियों में, लोग अपने ज्ञान और बुद्धिमता को बढ़ाने के लिए अपनी किताबों की पूजा करते हैं। लोगों को इस शुभ दिन पर जरूरतमंद और गरीब लोगों को पैसे, कपड़े, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें दान करनी चाहिऐं।
लाभ पंचमी का महत्व
लाभ पंचमी का अवसर रोशनी, दिवाली के त्यौहार से जुड़ा हुआ है। ‘लाभ’ शब्द लाभ अर्थात् फायदे को दर्शाता है और इस प्रकार लोगों के जीवन में योग्यता और अच्छा भाग्य लाने के लिए इस दिन को पहचाना जाता है। यह गुजरात राज्य में सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। गुजरात के लोग अत्यधिक धन और समृद्धि के लिए पूर्ण उत्साह के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की पूजा और प्रार्थना करते हैं। लाभ पंचमी की पूर्व संध्या पर, लोग अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को खोलते हैं। गुजरात के क्षेत्रों में, इसे आधिकारिक तौर पर गुजराती नव वर्ष का पहला दिन माना जाता है।
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, लाभ को परिभाषित किया गया हैः
लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः
यशेम इंदेवरा श्याम हुरुदयम थौ जनार्दन
भावार्थ: जिनके हृदयमें श्याम रंगके पद्म स्वरूपी जनार्दनका वास है, उन्हें सदैव यश (लाभ) मिलता है, उनकी सदैव जय होती है, उनकी पराजय कैसे संभव है!
लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त
- लाभ पंचमी तिथि: 7 नवंबर 2024, गुरुवार
- पंचमी तिथि प्रारंभ: 6 नवंबर 2024 को रात 11:54 बजे
- पंचमी तिथि समाप्त: 7 नवंबर 2024 को रात 10:19 बजे
इस दौरान शुभ कार्य और पूजा के लिए सबसे उत्तम समय 7 नवंबर को दिनभर रहेगा, विशेष रूप से प्रातःकाल और दिन के मध्य समय को अत्यधिक शुभ माना जाता है।
लाभ पंचमी की पूजा विधि
इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके तैयार हो जाते है इसके बाद सूर्य देवता का जलाभिषेक किया जाता है. इसके बाद शुभ टाइम में भगवान गणेश और शिवजी की मूर्तियाँ स्थापित की जाती है. गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर विराजित किया जाता है।
भगवान गणेश जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से पूजना चाहिए तथा भगवान आशुतोष को भस्म, बिल्वपत्र, धतुरा, सफेद वस्त्र अर्पित कर पूजन किया जाता है और उसके बाद गणेश को मोदक व शिव को दूध के सफेद पकवानों का भोग लगाया जाता है. इसके बाद भगवान शिव और गणेश जी की आरती करनी चाहिए. इस दिन सभी मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
दीपावली का त्यौहार भारत के अन्य इलाकों में भाई दूज के साथ समाप्त हो जाता है, लेकिन गुजरात में दीपावली का त्यौहार लाभ पंचमी के साथ समाप्त होता है, दीपावली के दुसरे दिन गुजरात के लोग घुमने चले जाते है और वापिस लाभपंचमी के दिन घर आते है और अपना व्यवसाय या दूकान खोलते है और सारा काम बाकि दिनों की तरह शुरू हो जाता है।
यहाँ पर लाभ पंचमी से संबंधित 5 सामान्य प्रश्नों का एक FAQ दिया गया है, जो गूगल पर अक्सर सर्च किए जाते हैं:
1. लाभ पंचमी 2024 कब है?
लाभ पंचमी 2024 में 7 नवंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। यह दिवाली के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
2. लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त क्या है?
लाभ पंचमी 2024 का शुभ मुहूर्त 7 नवंबर को दिनभर रहेगा। पंचमी तिथि 6 नवंबर 2024 को रात 11:54 बजे से शुरू होकर 7 नवंबर 2024 को रात 10:19 बजे समाप्त होगी।
3. लाभ पंचमी का महत्व क्या है?
लाभ पंचमी का विशेष महत्व व्यापारियों के लिए होता है। इस दिन व्यापारिक गतिविधियों की नई शुरुआत और खाता-बही की पूजा की जाती है। इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
4. क्या लाभ पंचमी केवल व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है?
हालांकि लाभ पंचमी विशेष रूप से व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह दिन हर किसी के लिए शुभ और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य शुरू करना फायदेमंद माना जाता है।
5. लाभ पंचमी को कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?
लाभ पंचमी के दिन मुख्यतः खाता-बही की पूजा, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। व्यापारी अपने पुराने खाते बंद कर नए खाता-बही का आरंभ करते हैं।