शिव चालीसा – शिव चालीसा का पाठ हिंदी और लिखित में

Shiv-Chalisa-With-Lyrics

शिव चालीसा – शिव चालीसा हिंदी मै

नित्य शिव चालीसा का पाठ करना बहुत मंगलकारी है। शिव चालीसा लिखित मे हो तो शिव चालीसा हिंदी मै पढ़ने का आनंद आता है । हमने शिव चालीसा हिंदी मै दी है क्यों की शिव चालीसा पढ़ने के फायदे अनेक है जैसे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इसके साथ ही भोलेनाथ जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

शिव चालीसा लिखित मे – शिव चालीसा हिंदी में

शिव चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए ये नहीं सोचे बस भक्ति के साथ शिव चालीसा का नियमित जाप किसी के जीवन से सभी बाधाओं और समस्याओं को दूर करने की शक्ति रखता है।

शिव चालीसा लिरिक्स – शिव चालीसा का पाठ

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥
मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट ते मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥
धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥
नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥ दोहा ॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसिर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

शिव चालीसा
शिव चालीसा

शिव चालीसा के फायदे – शिव चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए

  • ऐसा माना जाता है कि शिव चालीसा लिखित मे जाप करने से प्रेग्‍नेंट महिलाओं को बहुत फायदा होता है। उनके होने वाले बच्‍चे की रक्षा और साथ ही सेफ डिलीवरी में हेल्‍प मिलती है।
  • स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को या तो शिव चालीसा हिंदी मै पढ़नी चाहिए या सुनना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चे की ओर से चालीसा भी पढ़ सकते हैं। हालांकि, उन्हें शिव चालीसा से पहले बच्चे का पूरा नाम, राशि (चंद्रमा चिन्ह), और नक्षत्र का उच्चारण करना चाहिए।
  • शिव चालीसा का रेगुलर जाप करने से ना केवल लड़कियों को अच्‍छा वर मिलता है बल्कि वैवाहिक समस्याओं को हल करने में हेल्‍प मिलती है।
  • रेगुलर शिव चालीसा लिखित मे जाप करने से नशे, शराब, तंबाकू, सिगरेट की लत के साथ ही साथ तनाव से छुटकारा पाने के लिए फायदेमंद है।
  • शिव चालीसा हिंदी मै जाप करने से बीमार व्यक्ति को बीमारियों से छुटकारा पाने में हेल्‍प मिलती है क्‍योंकि इससे आपका तनाव दूर होता है और आप बीमारी के बारे में बहुत ज्‍यादा नेगेटिव नहीं होती है।

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