Vastu Upay for Money | अचूक वास्तु उपाय से कारोबार में वृद्धि
आजकल कड़ी प्रतिस्पर्धा का जमाना है । लोग अपने व्यापार में आगे बढ़ने के लिए जी जान से प्रयास करते है। इनमें ना केवल उसके मालिक वरन तमाम कर्मचारियों का भविष्य भी दावँ में लगा होता है । किंतु कई बार बहुत परिश्रम के बाद भी बेशुमार धन लगाने के बाद भी सफलता कोसो दूर ही रहती है इसका एक प्रमुख कारण उनके कार्यलय के वास्तु दोष भी हो सकता है ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा एक विशेष गुण लिए होती है और उन दिशाओं के गुणों के मुताबिक ही कार्य करने से अल्प समय, अल्प व्यय में ही लाभ मिल सकता है ।हम यहाँ पर आपको ऑफिस / कार्यालय से सम्बंधित कुछ आसान से वास्तु के नियम बता रहे है जिन्हे अपनाकर आप अवश्य ही अपने व्यापार को और भी अधिक ऊँचाइयों पर ले जा सकते है ।
* आप अपने कार्यालय / आफिस के बाहर खूबसूरत साइनबोर्ड अवश्य ही लगाएं, जो लोगो को अच्छी तरह से दिखाई दे सके। खूबसूरत साइनबोर्ड लगाने से आफिस की प्रसिद्धि बढ़ती है।
* दुकान , आफिस के मालिक को अपनी कुर्सी सदैव ऊँची रखनी चाहिए। लोहे, ऐल्युमिनियम की कुर्सी पर बैठने से व्यक्ति का कारोबार मंदा पड़ता है। अचानक से हानि का सामना करना पड़ता है।
* संगरमरमर , लकड़ी की हरे रंग की कुर्सी पर बैठकर व्यापार का कार्य करने से धन लाभ होता है।
* अगर कुर्सी लोहे या पाइप आदि की हो तो कुर्सी के नीचे लकड़ी का दो-तीन इंच ऊँचा चौकोर ठोस पटरा रखें । सदैव कुर्सी पर लाल , हरे , पीले रंग का आसन अथवा कुशन प्रयोग करें इससे नौकरी में प्रमोशन होता है, धन के नए स्रोत्र बनते है और कार्यक्षेत्र में विस्तार होता है।
* वास्तु के अनुसार यह ध्यान रहे कि मालिक की कुर्सी आफिस के दरवाजे के ठीक सामने बिलकुल भी ना हो |
* मालिक को यथासंभव नेत्रत्य, दक्षिण अथवा पश्चिम की दीवार से 2 – 3 इंच की जगह छोड़कर बैठना चाहिए जिससे उसका मुँख ईशान, उत्तर अथवा पूर्व की तरफ रहे ।
* आफिस के मालिक को अगर केबिन में बैठना हो तो उसे भी नैऋत्य कोण में ही होना चाहिए, केबिन का आकार यथासंभव वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। आफिस के सभी केबिनो के द्वार अंदर की ओर ही खुलने चाहिए ।
* मालिक की कमर के पीछे कोई खिड़की या दरवाजा नहीं वरन ठोस दीवार होनी चाहिए ।
* बॉस के पीठ पीछे ऊँची इमारत अथवा बर्फ के ऊँचे पहाड़ का चित्र लगाना चाहिए । इससे बॉस की अपने कर्मचारियों एवं ग्राहकों पर पकड़ मजबूत बनी रहती है ।
कभी भी अपने भवन / आफिस / दुकान के सामने जूते चप्पल ना उतारें । मुख्य द्वार के दोनों तरफ धात्री और विधात्री का वास, ऊपर विघ्न विनायक गणपति गणेश जी और नीचे श्री देहली का निवास माना जाता है अत: जूते चप्पल मुख्य द्वार के किनारे किसी अलमारी में ही रखने चाहिए
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एवं मालिक और कर्मचारियों को अपने व्यापारिक स्थल को प्रणाम करते हुए दाहिना पैर अंदर रखना चाहिए ।
* अपने कार्यालय का कचरा उसके मुख्य द्वार के सामने नहीं इकट्ठा करें वरन उसे समेट कर कहीं दूर फिकवायें। कूड़ेदान मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए ।
* व्यापार में आपेक्षित सफलता के लिए बॉस तथा मुख्य अधिकारियों , कर्मचारियों की मेज को चौकोर होना चाहिए। ऑफिस के काम के लिए लोहे या स्टील की जगह लकड़ी की मेज को अच्छा माना जाता हैं। आफिस में अंडाकार या यू के आकार की मेज सही नहीं होती है ।
* मालिक यदि उत्तर की ओर मुँह करके बैठे तो वह अपना कैश बॉक्स, चैक बुक आदि बायीं ओर रखे और यदि वह अपना मुँह पूर्व की ओर करके बैठे तो अपना कैश बॉक्स, चैक बुक आदि दायीं तरफ रखे लेकिन यह ध्यान रहे कि उसका मुँह उत्तर की तरफ ही खुले जिससे कुबेर जी की दृष्टि उसके ऊपर अवश्य ही पड़े ।
* आफिस में अकाउंट विभाग को उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए, और अकाउंटेंट को उत्तर की तरफ मुँह करके ही बैठना चाहिए।
* अपनी आफिस के ईशान कोण को खाली एवं बिलकुल साफ रखे। अपना मंदिर भी आप इसी ईशान दिशा अथवा पूर्व दिशा में ही बनायें ।
* जल की व्यवस्था ईशान, उत्तर अथवा पूर्व दिशा में ही करें ।
* आफिस के उत्तर दिशा में यदि हो सके तो फिश एक्वेरियम बनायें इससे धन लाभ मिलता है ।
* यदि ऑफिस में कैंटीन अथवा पैंट्री की सुविधा हो तो उसकी व्यवस्था अग्नेय कोण में करना सर्वोत्तम होगा ।
* आफिस में मालिक, अधिकारीयों व कर्मचारियों किसी को भी यथासंभव बीम या परछत्ती के नीचे बैठकर कार्य नहीं करना चाहिए लेकिन यदि बीम के नीचे बैठकर कार्य करना मजबूरी हो बीम के दोनों ओर 2 बांसुरी लाल रिबन में बांधकर लगायें ।
* आफिस के किसी भी कक्ष में कम्प्यूटर, टेलीफोन फैक्स आदि आग्नेय कोण में रखना चाहिए। और टेबल पर रखने पर यह टेबल के आग्नेय कोण में रखने चाहिए।
* आफिस में कर्मचारियों को भी उत्तर या पूर्व की तरफ ही मुँह करके बैठना चाहिए ।
* आफिस में कोई भी टेबिल दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं रखनी चाहिए। इससे कर्मचारीयों को मानसिक तनाव रहता है ।
आफिस में टॉयलेट दक्षिण अथवा पश्चिम में होना चाहिए । ध्यान रहे वह आफिस के ईशान, मुख्य द्वार के ठीक सामने अथवा शुरुआत में नहीं होना चाहिए ।
* आफिस में रिसेप्शन शुरुआत में ही इस जगह हो जिससे रिसेप्सनिष्ट का मुंह उत्तर या पूर्व की तरफ हो लोग उससे शीघ्र ही संतुष्ट हो जायेंगे ।
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* आफिस में किसी भी तरह का भारी फर्नीचर , रिकार्ड, स्टेशनरी व अन्य सामान रखने की अलमारियां कमरो की दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही रखनी चाहिए।
* आफिस के केंद्रीय क्षेत्र में किसी भी तरफ का भारी फर्नीचर या अन्य सामान नहीं रखना चाहिए इसे अधिक से अधिक खाली ही रखा जाना चाहिए ।
* आफिस की पश्चिम दिशा में उसके सर्टिफिकेट, प्रमाण पत्र , प्रशस्त्रीपत्र तथा अन्य किसी भी प्रकार के प्राप्त पुरस्कार को सजा कर रखना चाहिए ।
* आफिस के मार्केटिंग / सेल्स का काम करने वाले कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था वायव्य कोण में करना शुभ होता है।
* आफिस में जिस प्रोडक्ट को बेचना हो उसका तैयार मॉल , ब्रोशर आदि वायव्य कोण में ही रखने चाहिए।
* मीटिंग, कांफ्रेंस हाल, ट्रेनिग हाल आफिस के उत्तर या पश्चिम वायव्य दिशा में होना चाहिए जिसमें मीटिंग के लिए अंडाकार मेज रखना उचित होता है । मालिक या मैनेजर को कभी भी मीटिंग में दरवाजे के करीब और दरवाजे की तरफ पीठ करके नहीं बैठना चाहिए।