सावन का महीना 2025 – सावन कब से शुरू है, सावन की शिवरात्रि कब है

सावन का महीना 2023 – Sawan Month 2023

आषाढ़ महीने की शुरुआत होते ही महादेव के भक्तों के अंदर उत्साह फूट पड़ता है क्योंकि इस महीने के बाद ही सावन का पवित्र महीना प्रारम्भ होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन हिन्दू वर्ष का पांचवा महीना है। यह महीना विशेष तौर से भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि सावन का पवित्र महीना कब से शुरू हो रहा है, क्या है इसका महत्व और सभी सोमवार व्रत की तिथियां क्या हैं।

सावन महीने का महत्व

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष है क्योंकि यह महीना भगवान शिव को भी बेहद प्रिय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन के महीने में माता पार्वती ने निराहार रहकर भगवान शिव को पति रूप में पाने का कठोर व्रत किया था। यह भी एक वजह है कि भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। इस महीने देश भर में सनातन धर्म के अनुयायी भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों में जल अर्पित करते हैं। सावन में पड़ने वाले सोमवार में रुद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

यह पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं। महिलाएं इस दौरान अपने पति के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस पूरे महीने कांवड़िए काँवड़ लेकर चलते हैं और भगवान शिव पर गंगाजल अर्पित करते हैं। पूरे देश की सड़कें इस महीने भगवा रंग से सराबोर हो जाती हैं।

कांवड़ यात्रा से जुड़ी पौराणिक कथा

बहुत कम ही लोग जानते हैं कि हर वर्ष भव्य पैमाने पर निकलने वाली इस कांवड़ यात्रा से जुड़ी भी एक बेहद प्रचलित कथा है, जिसके अनुसार बताया जाता है कि, जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हो रहा था तब, इस मंथन से चौदह रत्न प्राप्त हुए थे। लेकिन इन्हीं चौदह रत्नों में से एक था हलाहल विष। कहा जाता है कि यह विष इतना जहरीला था कि इस से पूरी सृष्टि को खतरा था। ऐसे में सृष्टि को इस विष के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान शिव ने इस विष को पी लिया। हालाँकि उन्होंने इस विष को अपने गले से नीचे नहीं जाने दिया। विष इतना जहरीला था कि इससे भगवान शिव का कंठ ही नीला पड़ गया। इसी वजह से भगवान शिव का एक नाम नीलकंठ भी पड़ गया। तब भगवान महादेव का परम भक्त रावण, काँवर में गंगाजल लेकर आया और उसी जल से उसनें शिवलिंग का अभिषेक किया। जिसके बाद ही भोलेनाथ को इस विष से मुक्ति मिली। तभी से कांवरिये मीलों पैदल चलकर गंगाजल लाते हैं और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं। आइये अब जानते हैं कि सावन में पड़ने वाले सोमवार की तिथि क्या है।

सावन सोमवार 2023 – sawan 2023 start date

सावन कब से शुरू है – पंचांग के अनुसार, इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा. इस साल सावन 59 दिनों का होगा। पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब सावन पर बहुत ही खास संयोग बन रहा है। जिसमें 8 सोमवार को व्रत किए जाएंगे।

सावन का पहला सोमवार – sawan 2022 start date and end date

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा। 2023 में सावन में कुल 8 पवित्र सावन सोमवार पड़ रहे हैं. ये सोमवार निम्नलिखित तिथियों पर पड़ेंगे:

  • पहला सोमवार10 जुलाई
  • दूसरा सोमवार 17 जुलाई
  • तीसरा सोमवार 24 जुलाई
  • चौथा सोमवार 31 जुलाई,
  • पांचवां सोमवार 7 अगस्त
  • छठा सोमवार 17 अगस्त
  • सातवां सोमवार 21 अगस्त
  • आठवां सोमवार 28 अगस्त

आइये अब आपको बता देते हैं कि सावन महीने में भगवान शिव की पूजा करने की विधि क्या है।

सावन की शिवरात्रि कब है – sawan shivratri 2023

शिवरात्रि पर्व वैसे तो हर महीने की कृष्ण त्रयोदशी को पड़ता है लेकिन सावन की शिवरात्रि का खास ही महत्व माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये शिवरात्रि भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में आती है। इसलिए इस शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है। सावन शिवरात्रि पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं। इतना ही नहीं कई भक्त इस दिन हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, काशी विश्वनाथ आदि से पवित्र गंगा जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।

सावन की पहली शिवरात्रि 15 जुलाई दिन शनिवार को पड़ेगी। पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 15 जुलाई की रात 11:21 PM से देर रात 12:04 AM तक रहेगा। जानिए शिवरात्रि पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त…
  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 06:24 PM से 09:03 PM
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:03 PM से 11:43 PM
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 11:43 PM से 02:22 AM, जुलाई 16
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 02:22 AM से 05:01 AM, जुलाई 16
  • 16 जुलाई को शिवरात्रि व्रत पारण समय – 05:01 AM से 03:03 PM

सावन 2023 की दूसरी शिवरात्रि कब है

सावन की दूसरी शिवरात्रि 14 अगस्त दिन सोमवार को पड़ेगी। खास बात ये है कि इस दिन सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा। इस दिन शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 11:19 PM से 12:03 AM, अगस्त 15 तक रहेगा।

सावन में ऐसे करें पूजा

सावन के महीने में सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ व सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान शिव को शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। भगवान को स्नान करवाते वक्त मन ही मन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें। भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती करें। महिलाएं इस दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। इससे उनके पति की आयु लंबी होगी और घर में सौभाग्य की वृद्धि होगी।

Scroll to Top