राजयोग मेडिटेशन – Rajyoga Meditation
मेडिटेशन (Meditation) का अभ्यास कई तरीकों से किया जाता है, उन्हीं में से एक है राजयोग मेडिटेशन, इसे ब्रह्मकुमारी मैडिटेशन (rajyoga meditation brahma kumaris) के नाम से भी जानते है।
brahma kumari Shivani दीदी आज के समय में राजयोग को आम लोगो तक बहुत ही सरलता से पहुंचने का कार्य भी कर रही है क्यों की राजयोग मेडिटेशन जो न केवल व्यक्ति के भीतर एकाग्रता को बढ़ाता है, बल्कि यह व्यक्ति के भीतर सकारात्मक विचारों को जन्म देता है।
राजयोग मेडिटेशन क्या है – Rajyoga Meditation Brahma Kumari
राजयोग मेडिटेशन, मेडिटेशन से संबंधित एक तकनीक है जिसकी चर्चा भगवत गीता में भी की गयी है। इस मेडिटेशन का नाम राजयोग मेडिटेशन इस लिए पड़ा क्योंकि इसका नियमित रूप से अभ्यास करने से व्यक्ति के भीतर एक राजा या किसी प्रतिनिधि के ही तरह जागरूकता, आत्मविश्वास और स्वत्रंत रूप से सोचने समझने वाले विचारों का प्रवाह होता है।
इस मेडिटेशन का अभ्यास करने से व्यक्ति खुद को बेहतर रूप से जानने लगता है। जिसके कारण वह खुद को और अपने मन को बेहतर रूप से नियंत्रित कर पाता है। साथ ही व्यक्ति के भीतर जो भी अच्छे गुण होते हैं यह उन्हें उजागर करने का काम करता है |
ब्रह्माकुमारी राजयोग मेडिटेशन : Brahma Kumaris Meditation
राजयोग करना वास्तव मे बहुत सरल है, इसलिए इस योग को दूसरे शब्दों में ‘सहज राजयोग’ भी कहा जाता है। परन्तु कभी कभार शुरुआत मे इसकी थोड़ी सी जानकारी की जरूरत पड़ती है। इस अभ्यास के लिए नीचए 5 सरल कदम बताए गये हैं। अभ्यास करते करते बहुत जल्द ही आपको इन 5 क़दमो की भी आवश्यकता नही रहेगी – केवल एक ही विचार से आप एक शांति और ध्यान की स्थिति में पहुंच जायेंगे।
पहला कदम – विश्रान्ति
विश्रान्ति अर्थात अपने तनाव और उलझनों को परे रखते हुए अपने मन और शरीर को शान्त और स्थिर करना ।
दूसरा चरण – एकाग्रता
विश्रांत होने के बाद वर्त्तमान पे अपना ध्यान केन्द्रित करना।
तीसरा चरण – मनन करना
स्वयं की आन्तरिक दुनिया और अपने मूल्यों की गहराई में जाना…
चौथा चरण – अनुभूति
जब मेरी समझ और मेरे अहसासो का मेल होता हैं तो और ही गहरी और सार्थक वास्तविकता की अनुभूति होती है
पांचवा चरण – योगाभ्यास
एक ही संकल्प में एकाग्र रहके अपने मूल अस्तित्व को याद करते हुए सुस्वस्थ स्थिति को पुन: जागृत करना।
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ध्यान (Raj Yoga Meditation in Hindi)
ध्यान (Meditation) प्रभु को करीब से देखने का अवसर देता है। कहते हैं पूरे मनोयोग से ध्यान (Meditation in hindi) किया जाए तो मन की कई सोई हुई शक्तियां भी जागृत हो उठती हैं। यही वजह है कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि भी ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए ध्यान का ही सहारा लेते थे। आज ध्यान मन की सफाई और सुकून पाने का माध्यम माना जाता है।
मनुष्य शरीर के आवरण में एक अजर-अमर अविनाशी आत्मा उसकी असली पहचान है। प्रेम, शांति, आनंद, पवित्रता, सद्भावना और सच्चा सुख ये सब आत्मा की शक्तियां हैं। जब मनुष्य शरीर में होता है तो वह उसी सुख और शांति की तलाश करता है जो उसके अपने व्यक्तिगत गुण हैं। परन्तु यह मिलती नहीं है क्योंकि हम उसे दूसरे साधनों में ढूंढ़ते हैं। सच्चा सुख व सच्ची शांति तभी मिलेगी, जब हम उसे सही स्थान और सही स्रोत से ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे। राजयोग शांति और सच्चा सुख पाने का रास्ता है।
Rajyoga Meditation Concentration point
राजयोग (Raj Yoga Meditation) के माध्यम से व्यक्ति अपनी आत्मिक स्थिति में स्थित रहते हुए वास्तविक स्वरूप में परमात्मा के साथ जुड़ जाता है, जिससे उसके अंदर शांति, आनंद और प्रेम की सरिता बह निकलती है। ऎसा व्यक्ति कहीं भी जाएगा तो उसके संकल्पों, अच्छाइयों और सद्व्यवहार का गुण हर किसी को स्वत: दिखने लगेगा।
उसे दिखाने की आवश्यकता अर्थात बताने की भी जरूरत नहीं होगी क्योंकि कोई भी फूल अपनी खुशबू स्वयं नहीं बेचता, बल्कि जैसे ही वह खिल जाता है, सुगंध हवाओं के साथ बह निकलती है और हर किसी को अपनी सुगन्घित प्रवाह का आभास कराती है।
वास्तव में शांति और सुख कोई ऎसी वस्तु नहीं है कि कहीं से खरीदी जा सके। इन्हें तो किसी से मांगकर भी नहीं प्राप्त किया जा सकता। इसके लिए आंतरिक स्तर पर एक धीमी पहल की जरूरत होती है। धीरे-धीरे जैसे ही यह अपने वास्तविक रूप में आती है तो मन की सारी शक्तियां अपनी सही दिशा में कार्य करने लगती हैं और उसका प्रभाव कार्यस्थल पर सहज ही दिखाई देने लगता है।
आत्मा से परमात्मा का मिलन :
Rajyog meditation ने हमें परमात्मा के इतना करीब ला दिया है कि हमारे सामने दुनिया की कोई भी समस्या छोटी लगती है। राजयोग के जरिए परमात्मा और आंतरिक शक्तियों से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए। सही मायने में यही योग आज के समय के लिए जरूरी है। जिससे मनुष्य अंदर से इतना शक्तिशाली बन जाए कि बाहरी माहौल का उस पर कोई प्रभाव न होने पाए।
शांति का प्रवाह और राजयोग :
यूं तो समाज में कई प्रकार के योग हैं, कुछ शारीरिक स्थिति को स्वस्थ रखते हैं, कुछ आध्यात्मिक क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त करने के लिए करते हैं तो कुछ अपने-अपने तरीके से परमात्मा से जोड़ने के लिए मार्ग प्रेषित करते हैं। हम जब भी अपने कार्य-व्यवहार, घर-परिवार, बच्चों एवं कार्यस्थल पर होते हैं तो उस समय हमारी ऊर्जा लगातार समाप्त होती रहती है। ऊर्जा अर्जित करने का कोई ऎसा साधन नहीं है, जिससे शारीरिक ऊर्जा के साथ मानसिक ऊर्जा मिल सके। ऎसे में एक मिनट का राजयोग मेडिटेशन कई घंटों के लिए स्फूर्ति और ताजगी से भर देता है। जिससे पुन: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है।
इससे देखने के नजरिए से लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो जाता है क्योंकि परमात्मा का ज्ञान व सूर्य की किरणे आत्मा पर चढ़े पुराने और आसुरी संस्कारों को दग्ध कर देती हैं। फिर वह सोने के बर्तन की तरह चमक उठता है और आत्मिक शक्तियां विकसित होने लगती हैं। राजयोग मेडिटेशन के लिए यूं तो ब्रह्ममुहूर्त्त सर्वोत्तम समय है लेकिन इसे कभी भी, कहीं भी किया जा सकता है। इससे शांति का प्रवाह बना रहता है।
यहाँ हम कुछ राजयोग मैडिटेशन की ऑडियो प्रस्तुत कर रहे है –
Rajyoga Meditation Course :
Part -01
SOUL-Part-02
MIND Part-03
INTELLECT –Part-04
MEMORY-Part-05
SOUL Location & Mukti Part-06
GOD Introduction Part-07
GOD IS TRUTH-Part-08
GOD IS ONLY ONE-Part-09
What is RayYoga-Part-10