अभिमन्यु कथा | शौर्य का प्रतिरूप अभिमन्यु

अभिमन्यु कथा | Abhimanyu Katha अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था| श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा इनकी माता थी| यह बालक बड़ा होनहार था| अपने पिता के-से सारे गुण इसमें विद्यमान थे| […]

एकलव्य की गुरुभक्ति

एकलव्य की गुरुभक्ति | Eklawya Gurubhakti आचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे

सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड पाठ

  सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड पाठ श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।

भगवान परशुराम द्वारा २१ बार क्षत्रियो का संहार

भगवान परशुराम द्वारा २१ बार क्षत्रियो का संहार | Parsuram Dwara Kshtriyo ka Samhar भगवान परशुराम को भगवन विष्णु का छठवां अवतार माना जाता हैं।  भगवान परशुराम के बारे में

अनुसुइया कथा

अनुसुइया कथा | Anasuya Katha सती अनुसूईया महर्षि अत्री की पत्नी थी। जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। एक दिन देव ऋषि नारद जी  बारी-बारी से विष्णुजी, शिव

नारायण व गजराज की कथा

नारायण व गजराज की कथा | Narayan And Gajraj क्षीरसागर से कौन परिचित नहीं ? माना जाता है कि इसमें भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। यह

शिवभक्त राजा चंद्रसेन और बालक की कथा

शिवभक्त राजा चंद्रसेन और बालक की कथा | Shivbhakth Chandrasen Balak उज्जयिनी नगरी में महान शिवभक्त तथा जितेन्द्रिय चन्द्रसेन नामक एक राजा थे। उन्होंने शास्त्रों का गम्भीर अध्ययन कर उनके

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा – Mahakaleshwar Temple Ujjain

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – Mahakaleshwar Temple  उज्जैन नगरी में स्तिथ महाकाल ज्योतिर्लिंग (Mahakal Jyotirlinga) शिवजी का तीसरा ज्योतिर्लिंग कहलाता है। यह एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar

Somnath Jyotirling – सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा

  सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा | Somnath Jyotirling शिव पुराण के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है।

ब्रह्म तत्व सर्वव्यापी है और जो शाश्वत अजर-अमर और अविनाशी स्वरूप है

ब्रह्म तत्व सर्वव्यापी है और जो शाश्वत अजर-अमर और अविनाशी स्वरूप है सृष्टि के कण-कण में उसका निवास है। अणु-अणु का मूलाधार वह परमात्म तत्त्व ही है। सब कुछ उसी

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