संक्षिप्त हनुमान कथा
संक्षिप्त हनुमान कथा | Hanuman Katha हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक […]
संक्षिप्त हनुमान कथा | Hanuman Katha हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक […]
हनुमान से हारे शनि | Hunuman Se Hare Shanidev शनि के नाम से ही हर व्यक्ति डरने लगता है। शनि की दशा एक बार शुरू हो जाए तो साढ़ेसात साल
भगवान विष्णु जी और नारद मुनि जी | Vishnu and Narad एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सब से
हनुमानजी ने तीनों का घमण्ड चूर किया | Hanuman Dwara Ghamand Todna संसार में किसी का कुछ नहीं| ख्वाहमख्वाह अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना होता हुआ भी, कुछ भी
अभिमन्यु कथा | Abhimanyu Katha अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था| श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा इनकी माता थी| यह बालक बड़ा होनहार था| अपने पिता के-से सारे गुण इसमें विद्यमान थे|
एकलव्य की गुरुभक्ति | Eklawya Gurubhakti आचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे
सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड पाठ श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भगवान परशुराम द्वारा २१ बार क्षत्रियो का संहार | Parsuram Dwara Kshtriyo ka Samhar भगवान परशुराम को भगवन विष्णु का छठवां अवतार माना जाता हैं। भगवान परशुराम के बारे में
अनुसुइया कथा | Anasuya Katha सती अनुसूईया महर्षि अत्री की पत्नी थी। जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। एक दिन देव ऋषि नारद जी बारी-बारी से विष्णुजी, शिव
नारायण व गजराज की कथा | Narayan And Gajraj क्षीरसागर से कौन परिचित नहीं ? माना जाता है कि इसमें भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। यह