महाशिवरात्रि 2024 – शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र
महाशिवरात्रि के प्रदोषकाल में शंकर-पार्वती का विवाह हुआ था। प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में सर्व ज्योतिर्लिंगों का प्रादुर्भाव हुआ था। शास्त्रनुसार सर्वप्रथम ब्रह्मा व विष्णु ने महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजन किया था। पौराणिक मान्यतानुसार दिव्य ज्योर्तिलिंग का उदभव भी महाशिवरात्रि पर्व पर माना जाता है व इसी दिन को ही शिव उत्पत्ति के रूप में मानते हैं।
महाशिवरात्रि का व्रत क्यों रखा जाता है – Why Mahashivratri Is Celebrated
आपके मन में ये प्रश्न होगा की महाशिवरात्रि का व्रत कैसे रखा जाता है या महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है तो इस दिन भक्तजन पूरी श्रद्धा और धूमधाम से महाशिवरात्रि का व्रत करते है | महाशिवरात्रि का व्रत हमारे भोलेबाबा को समर्पित होता है इस शुभ दिन को मंदिर में शिवलिंग पर हर भक्त अपनी श्रद्धानुसार अभिषेक करता है और सुखी जीवन की कामना करता है। हर भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, शहद, फूल आदि चढ़ाते है।
महाशिवरात्रि कब है 2024 – Mahashivratri Kab Ki Hai
हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसके अगले दिन यानी 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार माघ शिवरात्रि का 8 फरवरी को मनाई जाएगी।
2024 में महाशिवरात्रि कब है – when is mahashivratri
- निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 24:07:06 से 24:55:52 तक
- अवधि : 0 घंटे 48 मिनट
महाशिवरात्रि का व्रत कब खोला जाता है
महाशिवरात्रि के पारण का समय – 06:38:20 से 15:30:10 तक 9, मार्च को
महाशिवरात्रि व्रत नियम
- महाशिवरात्रि के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। यदि फिर भी कोई बीमार है या फिर गर्भवती महिला हैं या बुजुर्ग हैं तो वह व्रत में फलाहारी नमक का प्रयोग कर सकते हैं।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को दिन में निद्रा नहीं लेनी चाहिए और रात्रि में भी शिवजी का भजन करके जागरण करना चाहिए।
- इस दिन पति और पत्नी को साथ मिलकर शिवजी के भजन करने चाहिए। ऐसा करने से उनके संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
- माना जाता है कि शिवजी को खट्टे फलों का भोग नहीं लगाना चाहिए और सफेद मिष्ठान का प्रयोग करना चाहिए।
महाशिवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट
शिवरात्रि के प्रदोष काल में शिवलिंग को जल, दूध, बिल्वपत्र और सफेद आंकड़ा समर्पित करें तत्पश्चात शिवलिंग पर धूप, दीप गंध, पुष्प दूध, अक्षत, धतूरा, बिल्वपत्र व नैवेद्य अर्पित कर पंचोपचार पूजन करें तथा चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद नैवेद्य सभी में वितरित कर दें।
महाशिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि
1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।
2. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
3. शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पूजन मंत्र
‘श्रीं शितिकण्ठाय नमः शिवाय श्रीं’ मंत्र का पूजा के बाद जाप करें।
समस्याओं से मुक्ति हेतु करें ये विशेष उपाय
निरोगी काया की प्राप्ति हेतु शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करें। धन के अभाव से मुक्ति हेतु शिवलिंग पर चढ़े सिंदूर से घर के मेन गेट पर “श्रीं” लिखें। दरिद्रता से मुक्ति हेतु शिवलिंग पर चढ़ा चांदी का सिक्का तिजोरी में रखें।
महाशिवरात्रि के टोटके उपाय
- हमेशा पारे से बने छोटे शिवलिंग की पूजा करें क्यूंकि पारद शिवलिंग बहुत चमत्कारी होता हैं, ऐसा करने से आपको बहुत जल्दी सफलता मिल जायेगीं |
- एक बात का आप जरुर ध्यान दे, पके हुए चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें और फिर पूजा करें. ऐसा करने से मंगलदोष शांत होता हैं |
- हमेसा शिवलिंग पर चमेली के फूल और शिव मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करने से मन चाही गाड़ी की प्राप्ति होती हैं, एक बात का ध्यान रखें की जल चढ़ाते समय हथेलियों से शिवलिंग को रगड़े क्योंकि ऐसा करने से आपकी किस्मत बदल सकती हैं |
- केसर में मिला हुआ जल शिवलिंग पर चढ़ाए, ऐसा करने से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ीं सभी समस्याएं दूर हो जायेंगी |
- अपने शनि दोष और रोग करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय उसमें काले तिल, डेली पानी में दूध, काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से बिमारियों से छुटकारा मिलता हैं |
- आपको शिवलिंग पर रोज दूर्वा चढ़ाने से लम्बी उम्र की प्राप्ति होती है, ऐसा करने से गणेशजी भी प्रसन्न होते है और घर में सुख- समृद्धि भी बढ़ती हैं |
- कभी-कभी शिवजी के निमित्त सवा किलो या 11 किलो चावल या गेहूं का दान करें |
- हमेसा शिवलिंग पर रोज चावल चढ़ाने से लक्ष्मी की स्थाई कृपा मिलती है |
महाशिवरात्रि पूजा के दौरान रखें इन बातों का रखें ख़्याल
- तुलसी: हिन्दू धर्म में शुभ माने जाने वाली तुलसी को भगवान शिव की पूजा में उपयोग वर्जित है। शिवलिंग पर कभी भी तुलसी अर्पित न करें।
- टूटे अक्षत: शिवलिंग का अभिषेक अक्षत मिश्रित जल (जल में चावल मिलाकर) से करना शुभ होता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि चावल खंडित या टूटे हुए नहीं होने चाहिए। भगवान शिव को खंडित चावल अर्पित नहीं करने चाहिए।
- नारियल पानी: धन-धान्य की देवी लक्ष्मी का प्रतीक होता है नारियल। ऐसे में महाशिवरात्रि पर भूल से भी शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।
- काले वस्त्र: महाशिवरात्रि का पूजन काले वस्त्र पहनकर नहीं करना चाहिए।
- केतकी के फूल: भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि भोलेबाबा ने केतकी के फूल का अपनी पूजा से त्याग कर दिया है।
- कुमकुम और हल्दी: भगवान शंकर एक वैरागी है, वहीं कुमकुम और हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इसलिए शिव पूजा में कुमकुम एवं हल्दी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- शंख का प्रयोग: महाशिवरात्रि की पूजा में शंख नहीं बजाना चाहिए, और न ही शंख द्वारा शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए।
महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए
महाशिवरात्रि के उपवास के दौरान आपके लिए ऐसा भोजन जरूरी है, जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखे और आपको न तो कमजोरी महसूस हो और ना ही ऊर्जा की कमी झेलनी पड़े. इस स्थिति से बचने में ड्राईफ्रूट्स आपकी मदद कर सकते हैं. ये न सिर्फ आपके पेट को भरा रखेंगे, बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करेंगे. इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर व्रत रखने वाले भक्त फलों से बने जूस का सेवन भी कर सकते हैं. जूस पीने से उन्हें कमजोरी महसूस नहीं होगी और पूजा-पाठ के प्रति उत्साह भी रहेगा।
इसके साथ ही फलों के सेवन से व्रत में भक्तों की ऊर्जा बरकरार रहती है और उन्हें कमजोरी भी महसूस नहीं होती. फलों को खाने से जरूरी शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति भी होती है. फल सिर्फ एनर्जी बढ़ाने का ही काम नहीं करते, बल्कि स्वास्थ्य को भी कई फायदे भी पहुंचाते हैं. आप व्रत में सेब, अनार, मौसम्बी, संतरा और केला खा सकते हैं. इन्हें खाने से आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा और पेट भी खाली महसूस नहीं होगा.