श्री हनुमान प्रश्नावली चक्र – Hanuman Prashnavali Chakra
हनुमान प्रश्नावली (Hanuman Prashnavali) एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाने का रास्ता खोजा जा सकता है। हम अपने जीवन में किसी न किसी समस्या का सामना हर समय करते रहते हैं और चाहते हैं कि उससे बाहर निकलने का कोई उपाय हमें मिल जाए। इसके लिए हम यंत्र, तंत्र, मंत्र या ज्योतिष शास्त्र, हस्तरेखा विज्ञान और कभी अंक शास्त्र का सहारा लेते हैं और ताकि हमें हमारे प्रश्नों का सही उत्तर मिल सके।
लेकिन कई बार हमारे पास या तो इतना समय नहीं होता कि हम उनके पास जा सकें या हमारे मन में कुछ ऐसी शंकाएं होती हैं जो हम उनके सामने स्पष्ट रूप से प्रकट नहीं कर सकते। अब ऐसे में यह प्रश्न स्वाभाविक रूप से उठता है कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाए कि हमें हमारी समस्या का समाधान अर्थात हमारे प्रश्न का उत्तर भी मिल जाए और हमें किसी के पास जाना भी ना पड़े और न ही अधिक धन खर्च करना पड़े। तो ऐसी स्थिति में ये श्री हनुमान प्रश्न यंत्र हमारी पूरी तरह से सहायता करता है। ठीक उसी तरह जिस तरह महाबली हनुमान हम पर कृपा करते हैं।
हनुमान प्रश्नावली चक्र प्रयोग विधि
इस प्रश्नावली (Hanuman Prashnavali ) में आप देखेंगे कि कुल मिलाकर 49 कोष्टक बने हुए हैं जिनमें 1 से लेकर 49 तक के अंक लिखे हुए हैं। वास्तव में आपकी समस्या का समाधान इन्हीं कोष्ठकों में छिपा हुआ है। श्री हनुमान यंत्र का उपयोग बहुत ही सरल है। आइए जानते हैं कि आप उसका प्रयोग कैसे कर सकते हैं:
- सर्वप्रथम आपको स्नान आदि से स्वयं को पवित्र करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके बाद सब सर्वप्रथम स्वयं के मन को एकाग्र चित्त करें और जो प्रश्न आप जानना चाहते हैं उस पर ध्यान लगाएँ।
- हनुमान जी भगवान श्री रामचंद्र जी के परम भक्त और सेवक है इसलिए सर्वप्रथम भगवान श्री रामचंद्र जी का स्मरण करें और “ॐ रां रामाय नमः” इस मंत्र का 11 बार जाप करें।
- इसके बाद हनुमान जी से प्रार्थना करें कि जो भी प्रश्न आपके मन में है उसका सही उत्तर वह आपको दे और आपको समस्या से मुक्ति दिलाए। इसी विचार के साथ “ऊं हं हनुमते नम:” मंत्र का भी 11 बार जाप करें।
- जब आप हनुमान जी के मंत्र का जाप कर रहे हों तो अपने सवाल को अर्थात अपने प्रश्न को अपने मन में दोहराते जाएँ और जैसे ही यह मंत्र पूरा हो अर्थात 11वीं बार जब आप मंत्र जाप करें अपने माउस का पॉइंट अर्थात कर्सर इस प्रश्नावली पर घुमाते जाएं और जैसे ही 11वीं बार मंत्र पूरा हो उस कर्सर को रोक दें।
- आप देखेंगे कि आपका कर्सर 1 से 49 तक दिए गए किसी भी अंक पर स्थिर हो गया है, जिस अंक पर वह स्थिर हो उसी का परिणाम या यु कहे की श्री हनुमान जी का आदेश निचे दिए गए सारिणी में देख ले।
- इस प्रकार आप श्री हनुमान प्रश्न यंत्र के माध्यम से अपने सभी प्रश्नों का उत्तर ज्ञात कर सकते हैं और जो समस्याएं आपको परेशान कर रही हैं उनसे मुक्त होने का रास्ता भी आपको हनुमान जी की कृपा से प्राप्त हो जाएगा।
हनुमान प्रश्नावली चक्र – Hanuman Prashnavali With Answers In Hindi
1 से 10 तक का अर्थ यह है –
1 – आपका कार्य जल्दी ही पूर्ण होगा।
2 – धैर्य तथा संयम रखें, आपके कार्य के पूरा होने में समय लगेगा।
3 – हनुमानजी की आराधना करें, जल्दी ही काम पूरा होगा।
4 – अभी काम पूरा होने का समय नहीं आया।
5 – किसी अन्य व्यक्ति की सहायता से आपका काम होगा।
6 – किसी दूसरे व्यक्ति के चलते आपका काम अटका हुआ है। हनुमानजी की आराधना से काम पूर्ण होगा।
7 – किसी स्त्री की सहायता से आपका कार्य पूर्ण होगा।
8 – इस कार्य को टालने में ही आपकी भलाई है।
9 – कार्यसिद्धि के लिए कड़े प्रयास करने होंगे।
10 – मंगलवार का व्रत रखने से आपकी इच्छापूर्ति होगी।
11 से 20 तक का अर्थ यह है –
11 – नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करने पर आपका कार्य शीघ्र पूरा होगा।
12 – शत्रुओं से सावधान रहें।
13 – कार्य पूरा होने में कुछ समय लगेगा।
14 – गाय की सेवा करें, जल्दी ही आपको लाभ होगा।
15 – धैर्य रखें, सभी चिंताएं समाप्त होने का समय आ गया है।
16 – माता-पिता की सेवा करना ही उचित होगा।
17 – ऊँ हनुमते नम: मंत्र के स्मरण से सब काम पूरे होंगे।
18 – हनुमानजी के पूजन से शीघ्र ही लाभ होगा।
19 – दक्षिण दिशा से लाभ होने के आसार हैं।
20 – धन की प्राप्ति तथा सुख की उपलब्धि शीघ्र हो सकती है।
21 से 30 तक का अर्थ यह है –
21 – भगवान श्रीराम की कृपा से शीघ्र ही धन लाभ होगा।
22 – संघर्ष करना होगा परन्तु विजय आपकी ही होगी।
23 – अभी समय अच्छा नहीं चल रहा है। हनुमानजी का स्मरण तथा पूजन करें।
24 – आपके घर वाले ही आपका विरोध करेंगे।
25 – शीघ्र शुभ समाचार मिलेगा।
26 – बिना सोचे-समझे कोई कदम न बढ़ाएं।
27 – स्त्री पक्ष की सहायता से आपका काम बनेगा।
28 – धैर्य तथा संयम रखें।
29 – धैर्य तथा संयम रखें।
30 – मित्रों से सावधान रहें, वे ही आपके सबसे बड़े शत्रु हैं।
31 से 40 तक का अर्थ यह है –
31 – भगवान शिव की आराधना से जल्दी ही कार्य पूर्ण होगा।
32 – महादेव की शरण में जाए, वहीं आपका भला करेंगे।
33 – कोई स्त्री आपको धोखा देगी।
34 – आपके भाई-बंधु ही आपका साथ नहीं देंगे, ध्यान रखें।
35 – नौकरी अथवा व्यापार से लाभ होगा।
36 – आपके अच्छे दिन आ गए हैं।
37 – संतान से कष्ट प्राप्त हो सकता है।
38 – कार्य सिद्धी में थोड़ा समय लगेगा।
39 – जल्दी ही सफलता मिल सकती है।
40 – समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।
41 से 49 तक का अर्थ यह है
41 – आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण होगी।
42 – अच्छे दिन आने में समय लगेगा।
43 – आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।
44 – शीघ्र ही धन की प्राप्ति होगी।
45 – जीवन साथी से सुख प्राप्त होगा।
46 – संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
47 – शुभ समय आने में देर हैं।
48 – सामाजिक और व्यवसायिक क्षेत्र में लाभ मिलेगा।
49 – अच्छे दिन आ गए हैं। मन का सोचा हर कार्य पूर्ण होगा।