गुरु पुष्य योग 2019 – सभी अति शुभ कार्यो के लिए सर्वोत्तम योग

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गुरु पुष्य योग 2019 – Guru Pushya Yog 2019

यह एक ऐसा खास ज्योतिषीय योग है जिस दौरान गुरु ग्रह का का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश होता है। इस नक्षत्र में देवगुरु बृहस्पति के आ जाने से यह समय अत्यंत प्रभावशाली बन जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार एवं रविवार के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग और रवि पुष्यामृत योग कहते हैं। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।

शुभ कार्यों के लिए सही समय

महान ज्योतिषियों के अनुसार गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत कम बनता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन ही पड़े तब यह योग बनता है। यह योग एक साधक के लिए बेहद शुभ माना जाता है किंतु अन्य लोग भी इससे कई लाभ पा सकते हैं।

बृहस्पति की पूजा

इस दिन देवगुरु बृहस्पति की अराधना के अलावा महालक्ष्मी की उपासना भी की जाती है। ऐसी मान्यता है कि धन की देवी इस अत्यंत शुभ योग में अपने भक्त पर कृपा बरसाती हैं। इसके अलावा इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार का पूजा कर्म फलदायी ही सिद्ध होता है।

अशुभ घड़ी को भी शुभ घड़ी में बदल देगा

वैसे तो चंद्रमा का राशि के चौथे, आठवें एवं 12वें भाव में उपस्थित होना अशुभ माना जाता है। परंतु यह पुष्य नक्षत्र की ही अनुकंपा है जो अशुभ घड़ी को भी शुभ घड़ी में परिवर्तित कर देती है। इसी कारण 27 नक्षत्रों में इसे शुभ नक्षत्र माना गया है।

इसी नक्षत्र में महालक्ष्मी जन्मी थी

शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार एवं रविवार के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग और रवि पुष्यामृत योग कहते हैं। जिसमे ‘रवि पुष्य तंत्र-मंत्र की सिद्धि एवं जड़ी-बूटी ग्रहण करने में तथा “गुरु-पुष्य” व्यापारिक एवं आर्थिक लाभ के कामों में विशेष रूप से उपयोगी होता है। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।

इस योग में ये शुभ कार्य नहीं होगा

ग्रहों की विपरीत दशा से बावजूद भी यह योग बेहद शक्तिशाली है। इसके प्रभाव में आकर सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं, परंतु ऐसा कहते हैं कि इस योग में विवाह जैसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। शास्त्रो में उल्लेखित है कि एक श्राप के अनुसार इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सुखकारक नहीं हो सकता |

किन कार्यों के लिए शुभ होता है गुरु पुष्य अमृत योग ?

अच्छा और शुभ योग होने के कारण इसे गुरु पुष्य अमृत योग भी कहा जाता है। गुरु पुष्य अमृत योग निम्नलिखित कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है –

  • किसी नई बिल्डिंग-इमारत की नींव रखने के लिए।
  • अपने गुरु, दादा या पिता से किसी तरह का ज्ञान या मंत्र-तंत्र सीखना।
  • नई दुकान या मकान का उद्घाटन करना।
  • यह मुहूर्त सोना या कोई आभूषण खरीदने के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
  • नया घर खरीदना।
  • नए घर में शिफ्ट करना।
  • किसी बड़े कॉन्ट्रैक्ट या डील को साइन करना।

पुष्य नक्षत्र टोटके और उपाय

  •  यदि रवि पुष्य नक्षत्र पर मोती शंख में जल भर कर लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास रखा जाये तो अन्नपूर्णा देवी अत्यंत खुश होती है |
  • इस समय माँ लक्ष्मी जी के धन प्राप्ति के मंत्र का जप कमलगट्टे की माला के साथ 108 बार करे | आपके लिए धन के द्वार खुल जायेंगे |
  • माँ लक्ष्मी को कमल पुष्प अत्यंत प्रिय है अत:उनकी पंचोपचार पूजा विधि या षोडशोपचार पूजा में कमल पुष्प और सफ़ेद मिठाई अर्पित करे |
  • इस पुष्य नक्षत्र के समय अपामार्ग के पौधे का माथे पर तिलक लगाने से आपमें सम्मोहन शक्ति बढ़ेगी | इससे आपकी बाते दुसरे मानने लगेंगे |
  • इस शुभ मुहूर्त में यदि आप धन संचय करने वाली तिजोरी में अपामार्ग की जड़ रखेंगे तो यह तिजोरी आपके लिए भाग्यशाली और धन खीचने का साधन बन सकती है |
  • यह दिन माला से मंत्र जप का सही दिन माना जाता है | आप किसी मंत्र को जाप द्वारा सिद्ध कर सकते है |
  • यह दिन माला से मंत्र जप का सही दिन माना जाता है | आप किसी मंत्र को जाप द्वारा सिद्ध कर सकते है |

पुष्य नक्षत्र 2019 कब है

दिनांक आरंभ काल

समाप्ति काल

रविवार, 20 जनवरी

29:22:45 31:14:05

रविवार, 17 फरवरी

16:45:39 30:57:29
रविवार, 17 मार्च 06:29:22

24:11:42

रविवार, 14 अप्रैल

05:57:28 07:40:18
रविवार, 17 नवंबर 22:59:19

30:45:42

रविवार, 15 दिसंबर

07:05:55 28:01:04
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