व्रत – त्यौहार

सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड पाठ

  सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड पाठ श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥ नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। […]

ब्रह्म तत्व सर्वव्यापी है और जो शाश्वत अजर-अमर और अविनाशी स्वरूप है

ब्रह्म तत्व सर्वव्यापी है और जो शाश्वत अजर-अमर और अविनाशी स्वरूप है सृष्टि के कण-कण में उसका निवास है। अणु-अणु का मूलाधार वह परमात्म तत्त्व ही है। सब कुछ उसी

हिन्‍दू धर्म – जिसके मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान है …

हिन्‍दू धर्म – जिसके मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान है … हिन्‍दू धर्म -Sanatan Dharma  हिन्दुत्व को प्राचीन काल में सनातन धर्म कहा जाता था। हिन्दुओं के धर्म

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