तुलसी मंगलाष्टक (Tulsi Mangalashtak) तुलसी विवाह पर होने वाला पाठ
तुलसी मंगलाष्टक | Tulsi Mangalashtak तुलसी विवाह मंगलाष्टक (tulsi mangalashtak) जो जातक तुलसी विवाह का आयोजन करते है उसे कन्यादान के तुल्य फल प्राप्त होता है और अखण्ड सौभाग्य की […]
तुलसी मंगलाष्टक | Tulsi Mangalashtak तुलसी विवाह मंगलाष्टक (tulsi mangalashtak) जो जातक तुलसी विवाह का आयोजन करते है उसे कन्यादान के तुल्य फल प्राप्त होता है और अखण्ड सौभाग्य की […]
हनुमान अष्टक पाठ | Hanuman Ashtak मंगलवार के दिन संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए, क्यों की हनुमान अष्टक के फायदे बहुत है, हनुमान अष्टक का पाठ करने से
शिव कामा सुंदरी अष्टकं – Shiva Kama Sundari Ashtakam पुण्डरीक पुरा मध्य वसिनिं, नृथ राज सह ध्गर्मिनिं । अध्रि राज थानयां, धिने धिने चिन्थयामि शिवकामा सुन्दरीं ॥१॥ ब्रह्म विष्णु धाम
शिवाष्टकम् – Shivashtakam with lyrics शिवाष्टकम या शिव अष्टकम (Shivashtakam) भगवान शिव की स्तुति में एक शक्तिशाली स्तोत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टकम का पाठ करने से आपको
श्री शिवनामावल्य अष्टकम् – Shiva Namavali Ashtakam ॥ श्रीशिवनामावल्यष्टकम् ॥ हे चन्द्रचूड मदनान्तक शूलपाणे, स्थाणो गिरीश गिरिजेश महेश शंभो । भूतेश भीतभयसूदन मामनाथं, संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥ १॥ हे पार्वतीहृदयवल्लभ
महाकाल भैरवाष्टकम् – Mahakala Bhairava Ashtakam यं यं यं यक्षरूपं दशदिशिविदितं भूमिकम्पायमानं, सं सं संहारमूर्तिं शिरमुकुटजटा शेखरंचन्द्रबिम्बम् । दं दं दं दीर्घकायं विक्रितनख मुखं चोर्ध्वरोमं करालं, पं पं पं पापनाशं
अर्धनारीश्वर अष्टकम – Ardhanareeswara Ashtakam चाम्पॆयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय । धम्मिल्लकायै च जटाधराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ 1 ॥ कस्तूरिकाकुङ्कुमचर्चितायै चितारजःपुञ्ज विचर्चिताय । कृतस्मरायै विकृतस्मराय नमः शिवायै च नमः शिवाय
Shiv Mahima Ashtakam – श्री शिव महिमा अष्टकम सुरवृन्दमुनीश्वरवन्द्यपदो हिमशैलविहारकरो रुचिरः । अनुरागनिधिर्मणिसर्पधरो जयतीह शिवः शिवरूपधरः ॥ १॥ भवतापविदग्धविपत्तिहरो भवमुक्तिकरो भवनामधरः । धृतचन्द्रशिरो विषपानकरो जयतीह शिवः शिवरूपधरः ॥ २॥ निजपार्षदवृन्दजयोच्चरितः
श्री शिवरामाष्टक स्तोत्रम् – Shiva Ramashtakam Stotram Lyrics in Hindi शिव हरे शिव राम सखे प्रभो त्रिविधतापनिवारण हे प्रभो । अज जनेश्वर यादव पाहि मां शिव हरे विजयं कुरु मे