आमलकी एकादशी व्रत मुहूर्त 2022 – Amalaki Ekadashi Vrat 2022
आमलकी एकादशी को आमलक्य एकादशी भी कहा जाता है। आमलकी का मतलब आंवला होता है, जिसे हिन्दू धर्म और आयुर्वेद दोनों में श्रेष्ठ बताया गया है। पद्म पुराण के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। आंवले के वृक्ष में श्री हरि एवं लक्ष्मी जी का वास होता है। आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होने की वजह से उसी के नीचे भगवान का पूजन किया जाता है, यही आमलकी एकादशी कहलाती है। इस दिन आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए।
आमलकी एकादशी व्रत मुहूर्त 2022- Amalaki Ekadashi Vrat Muhurat 2021
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 13 मार्च प्रात: 10 बजकर 21 मिनट से शुरू
- एकादशी तिथि समाप्त: 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक
आमलकी एकादशी व्रत का महत्त्व – Amalaki Ekadashi 2022
पद्म पुराण के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत करने से सैंकड़ों तीर्थ दर्शन के समान पुण्य प्राप्त होता है। समस्त यज्ञों के बराबर फल देने वाले आमलकी एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो लोग आमलकी एकादशी का व्रत नहीं करते हैं वह भी इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करें और स्वयं भी खाएं। शास्त्रों के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन आंवले का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है।
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