जीवन में रंगों का ज्योतिषीय महत्व – Significance of Colors In Astrology
इस हसीन दुनिया को और भी खूबसूरत बनाने वाले रंग दरअसल ज्योतिष में भी बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। यह खूबसूरत रंग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जीवन पर खासा प्रभाव डालते हैं। कई धर्मों में इन रंगों को अनुष्ठानों, समारोह और त्योहारों का प्रतीक भी माना जाता है।
उदाहरण के तौर पर बात करें तो लाल रंग हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक माना गया है और यही वजह है कि लाल रंग को दुल्हन के लिए बेहद ही खास माना जाता है। लाल रंग और दुल्हन के बीच का संबंध कुछ इस प्रकार से देखा जाता है कि अब घर की बेटी नई ऊर्जा, प्यार और जोश के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत कर रही है।
वहीं भारतीय समाज में सफ़ेद रंग को दुख और मातम से जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसे में जब लोगों के घर किसी की मृत्यु हो जाती है या किसी का निधन हो जाता है तो सफेद रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह इस बात का प्रतीक होता है कि अब जीवन बेरंग हो गया है वहीं, इसके विपरीत सफेद रंग को ईसाई समाज में बेहद शुभ माना जाता है और यही वजह है कि ईसाई धर्म में जब लड़की का विवाह होता है तो उसके कपड़े सफेद रंग के होते हैं क्योंकि, इसके पीछे की मान्यता यह है कि इससे लड़की के जीवन की शुरुआत शुभ और स्वच्छ ऊर्जा और पवित्रता के साथ होनी चाहिए।
वहीं ईसाई समाज में काले रंग को मातम से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके प्रियजन के बिना जीवन बेहद ही अंधकार में और खंडित हो चुका है। ठीक इसी तरह कई अन्य धर्म भी होते हैं जो अलग-अलग अवसरों के लिए अलग-अलग रंगों का चयन करते हैं।
हमारे जीवन में रंगों का क्या महत्व होता है या क्या प्रभाव पड़ता है इस बात को स्पष्ट रूप से जानने के लिए बेहद आवश्यक है कि मनोवैज्ञानिकों द्वारा रंगों के महत्व को जाना जाए। वास्तु में भी रंग बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि अधिकांश समय उपाय के तौर पर रंग चिकित्सा या जिसे अंग्रेजी में कलर थेरेपी कहते हैं वह रंगों पर ही आधारित होती है। ज्योतिष भी रंगों की ऊर्जा से संबंधित माना गया है क्योंकि प्रत्येक ग्रह से संबंधित एक अलग रंग होता है जो उस ग्रह की ऊर्जा से मेल खाते हैं। ऐसे में यदि सही ढंग से उपयोग किया जाए तो इससे व्यक्ति को वास्तव में लाभ हासिल हो सकता है।
सप्ताह के प्रत्येक दिन 7 ग्रहों में से एक को समर्पित माने गए हैं। अर्थात प्रत्येक दिन एक अलग ग्रह से संबंधित होता है। ऐसे में उन दिनों में उस ग्रह से संबंधित विशिष्ट रंग पहनने से उस ग्रह का आशीर्वाद जीवन पर प्राप्त किया जा सकता है। जैसे कि,
- सोमवार के लिए सफेद रंग निर्धारित किया गया है
- मंगलवार के लिए लाल रंग
- बुधवार के लिए हरा रंग
- गुरुवार के लिए पीला रंग
- शुक्रवार के लिए गुलाबी रंग
- शनिवार के लिए काला और
- रविवार के लिए क्रीम कलर या लेमन (नींबू पीला रंग) समर्पित होता है
नवग्रह से जुड़े रंग
सूर्य
सूर्य ग्रह को ग्रहों का राजा माना गया है। यही वजह है कि चमकीले और ऊर्जावान रंग इस आधिकारिक ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। सोना, सरसों, चमकीला पीला और पीले रंग के रंग सूर्य से मेल खाते हैं। यह रंग आग की ही तरह चमकदार, चमकीले और गर्म होते हैं।
चंद्रमा
जहां ज्योतिष में सूर्य को अग्नि माना गया है वहीं चंद्रमा को जल माना गया है और चंद्रमा का संबंध शांति और सौम्यता से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में चंद्रमा से संबंधित रंगों की बात करें तो इसमें सफेद रंग, चांदी रंग, पारदर्शी रंग, क्रिस्टल रंग, इत्यादि आते हैं। इन रंगों की ऊर्जा और आभा व्यक्ति के जीवन में विश्राम, गति, और सद्भाव लाती है।
मंगल
मंगल ग्रह को बेहद ही गतिशील और ऊर्जा से परिपूर्ण ग्रह माना जाता है। यह ग्रह रक्त और जुनून का ग्रह भी माना गया है। ऐसे में इस ग्रह के साथ सबसे करीबी संबंध लाल रंग का होता है क्योंकि लाल रंग जुनून, रोमांस और खून का रंग माना गया है। इसके अलावा यदि मंगल से संबंधित अन्य रंगों की बात करें तो इसमें आएंगे नारंगी रंग, लाल रंग, और लाल और नारंगी के बीच में पड़ने वाले अन्य सभी रंग।
बुध
बुध ग्रह को प्रकृति से ज्यादा जुड़ा माना जाता है। यह युवा और युवा दिखने वाली चीजों का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे की नई घास या बढ़ते उगते हुए पौधे। ऐसे में यदि बुध ग्रह से संबंधित रंग की बात करें तो इसके लिए सबसे शानदार रंग होता है हरा रंग। हरा रंग जीवन शक्ति और चीजों की शुरुआत को दर्शाता है।
बृहस्पति
बृहस्पति ग्रह को अनुग्रह और आशावाद के ग्रह के रूप में जाना जाता है। इस ग्रह को गुरु ऊर्जा के रूप में भी जाना जाता है जो जीवन में शुभता का प्रतीक होता है। बृहस्पति ग्रह से संबंधित रंग की बात करें तो पीला रंग इस रंग को सबसे बखूबी तरह से प्रतिनिधि करता है।
शुक्र
शुक्र को एक स्त्री ग्रह का दर्जा दिया गया है और यह परिष्कृत स्वाद और ऊर्जा को परिभाषित करता है। शुक्र ग्रह से संबंधित रंग की बात करें तो सबसे निकट नरम गुलाबी रंग होता है। इसके अलावा अन्य रंगों की बात करें तो शुक्र ग्रह से संबंधित अन्य रंग सफेद हो सकता है या हीरे की तरह पारभासी और पिंक रंग के अन्य शेड भी शुक्र ग्रह से संबंधित माने गए हैं।
शनि
शनि को एक ठंडा और अंधकार से भरा ग्रह माना गया है। यह कर्म और न्याय का ग्रह होता है। शनि से संबंधित रंग की बात करें तो काला रंग, गहरा नीला रंग, इंडिगो रंग, और बैंगनी रंग शनि ग्रह से संबंधित होते हैं। सभी हल्के रंग गहरे रंग से ढके हुए होते हैं और यही वजह है कि यह रंग शनि का प्रतीक होता है क्योंकि एक व्यक्ति अपने जीवन में जो कुछ भी कर्म करता है वह कर्म की छाया में आ जाता है और अंत में उसे उसी के अनुसार फल प्राप्त होता है।
राहु और केतु
ज्योतिष में राहु और केतु को मायावी ग्रह का दर्जा प्राप्त है। यह दोनों ही ग्रह पूर्ण रूप से शरीर नहीं होते हैं इसीलिए यह ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा का केवल एक नोड होते हैं। राहु का संबंध भूरे रंग से होता है। इसके अलावा राहु केतु से संबंधित रंग की बात करें तो चारकोल रंग, धातु, और दोहे का रंग भूरा और भूरे रंग से मिलते जुलते रंग सभी राहु से संबंधित होते हैं। जहां सांवले रंग राहु से जुड़े होते हैं वहीं भूरे रंग केतु की ऊर्जा से ज्यादा मेल खाते हैं।
मेरे लिए कौन सा रंग सबसे ज्यादा उपयुक्त है?
जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार कुछ ऐसे रंग होते हैं जिन्हें व्यक्ति को धारण करने अपने जीवन में शामिल करने से ज्यादा से ज्यादा बचना चाहिए। अन्यथा यह रंग व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। वहीं इसके विपरीत कुछ ऐसे रंग भी होते हैं जो व्यक्ति के जीवन में चार चांद लगा सकते हैं। कुंडली में जो ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद होते हैं उनसे संबंधित रंग व्यक्ति के जीवन में लाभकारी प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा ऐसे ग्रह और उनसे संबंधित रंग व्यक्ति के जीवन के संबंधित क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम लाने के लिए भी जाने जाते हैं। वहीं इसके विपरीत व्यक्ति को उन रंगों से बचना चाहिए जो उन ग्रहों से संबंधित हो जो व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में नहीं मौजूद होते हैं। ऐसे रंग व्यक्ति के लिए अनुकूल नहीं साबित होते हैं।
राशि अनुसार उपर्युक्त रंग
रंग चिकित्सा का उपयोग ग्रहों के प्रभाव को सुधारने या अशुभ प्रभावों की तीव्रता को कम करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा कुछ प्राइमरी, सेकेंडरी और तटस्थ रंग भी होते हैं जो विशेष तौर पर चंद्र राशियों के लिए उपयुक्त माने गए हैं। आइए अब जान लेते हैं सभी 12 राशियों के लिए यह कौन-कौन से रंग होते हैं।
- लाल रंग– मेष और वृश्चिक
- पीला रंग— सिंह, धनु और मीन
- नीला रंग— मकर और कुंभ
- हरा रंग— मिथुन और कन्या
- सफेद रंग— वृष, तुला और कर्क
- काला रंग— मकर और कुंभ
रंगों से संबंधित कुछ बेहद ही सरल और सटीक उपाय
अब जानते हैं रंगों से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय जिन्हें आप दैनिक जीवन में उपयोग में लाकर अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
- यदि आप अपने अंदर ऊर्जा और जीवन की शक्ति में कमी महसूस कर रहे तो आपको लाल रंग के कपड़े पहनने लाल रंग का नेल पेंट लगाने इत्यादि का सुझाव दिया जाता है
- यदि आप उदास और अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपने गले में या अपने सिर पर नीला या काला रंग पहनने से बचना चाहिए।
- यदि आप हद से ज्यादा गुस्सा महसूस कर रहे हैं, चिंतित हैं या उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं, तो अपने गले में या अपने सिर पर कुछ सफेद पहनें। यह आपके लिए चीजों को शांत रखने के लिए उपयोगी साबित होंगी, आप इसके लिए कोई कपड़ा या एक्सेसरी का एक टुकड़ा इस्तेमाल कर सकते हैं।
- जिस दिन आप किसी बात को लेकर नर्वस महसूस कर रहे हों या कंपकंपी महसूस कर रहे हों, अपनी कमर के चारों ओर हरा रंग पहनने पर विचार करें।
- यदि आपको सोने या सोने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने सिर के नीचे बैंगनी रंग का तकिया या तकिया का रंग बैंगनी रखें तो लाभ मिलेगा।
- अगर आप झगड़ालू और गुस्सैल हैं तो अपने नेकलाइन या सिर पर लाल रंग के कपड़े पहनने से बचें।
- अगर आप बहुत ज्यादा आलस और सुस्ती महसूस कर रहे हैं तो अपने शरीर के ऊपरी हिस्से पर काला या नीला रंग पहनने से बचें।
- अगर आप बहुत सारी गलतफहमियों का सामना कर रहे हैं तो हरे रंग के कपड़े पहनने से बचें, इसके बजाय पीले रंग की चीजें अधिक पहनें।
- अगर आप ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं तो अपने नेकलाइन के चारों ओर पिंक या क्रीम रंग की चीजें पहनने की कोशिश करें।
- यदि आप भ्रमित या खोया हुआ महसूस करते हैं तो भूरे या भूरे रंग के कपड़े पहनने से बचें।