रूद्र मंत्र – Rudra Mantra
रुद्र मंत्र (Rudra Mantra) भगवान रूद्र को समर्पित है, जो भगवान शिव का ही रूप माने जाते हैं और व्यापक अर्थों में दोनों एक ही हैं। अर्थात सर्वशक्तिमान भगवान महादेव ही रुद्र हैं। रुद्र मंत्र (rudra mantra lyrics) के इष्ट देवता भगवान शिव ही हैं। रुद्र मंत्र की आवृत्तियों को बार-बार दोहराने अर्थात इनका जाप करने से भगवान शिव का पावन सानिध्य प्राप्त होता है और मंत्र जाप करने वाले की कोई भी इच्छा पूरी हो सकती है।
देवों के देव कहे जाने वाले महादेव शिव, जिन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है, रुद्र मंत्र (shiva rudra mantra) के जाप से शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति भी कर देते हैं। भगवान शिव दुखों का नाश करने के लिए जब भी अपने संहारक रूप में आते हैं और उस काल में रौद्र रूप को रूप धारण करके सभी शत्रुओं को रुलाने से ही वे शिव रुद्र बन जाते हैं और इन्हीं की कृपा पाने के लिए रुद्र मंत्र का जाप करना चाहिए।
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रूद्र मंत्र का प्रभाव – Rudra Mantra Benefits
रुद्र मंत्र अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है, जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी से बड़ी बीमारी भी दूर हो सकती है और जो व्यक्ति काफी समय से विभिन्न प्रकार के कष्टों में घिरा हुआ हो, उसे भी रूद्र मंत्र का जाप करने से उन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन धन्य हो जाता है। यही रूद्र मंत्र का विशेष प्रभाव है, जो इसको जपने वाले के साथ सदैव उपस्थित होता है।
रूद्र मंत्र का अर्थ – Rudra Mantra Lyrics
रुद्र मंत्र इस प्रकार है:
मैं भगवान रुद्र अर्थात भगवान शिव को नमन करता हूं। उन्हें प्रणाम करता हूं।
रूद्र गायत्री मंत्र – Rudra Gayatri Mantra
हे सर्वेश्वर भगवान आपके हाथ में त्रिशूल है और मेरा जीवन विभिन्न प्रकार के कष्टों और परेशानियों में घिरा हुआ है। ऐसे में आप मुझे अपनी कृपा में ले कर मेरे कष्टों को दूर कीजिए और मुझ पर कृपा कीजिए, क्योंकि मैं आपकी शरण में हूं।
शिव गायत्री मंत्र – Shiv Gaytrai Mantra
मैं महान भगवान आदर्श पुरुष भगवान महादेव के चरणों में प्रणाम करता हूं। हे प्रभु! आप मुझे बुद्धि दीजिए और ज्ञान के द्वारा मेरा मार्गदर्शन कीजिए।
शिव ध्यान मंत्र -Shiv Dhyan Mantra
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
हे परम दयालु भगवान महादेव, कृपया मुझे पापों के लिए क्षमा करें। कृपया मेरे हाथों, पैरों, शरीर और कार्यों के माध्यम से किए गए पापों के लिए मुझे क्षमा करें। जानबूझकर या अनजाने में मेरे कान, आँख और दिमाग के माध्यम से किए गए सभी पापों को क्षमा करें।
भगवान शिव के रुद्र एकादश नाम ऐसा माना जाता है कि जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए भगवान रुद्र के इन एकादश रूद्र नामों को जपना चाहिए, जिससे सभी प्रकार की समस्यायें दूर हो सकती हैं। शिव के ये एकादश रूद्र नाम इस प्रकार हैंं : शिवपुराण में एकादश रुद्र के नाम
शिव पुराण में एकादश रूद्र को कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड, और भव के नाम से जाना जाता है।
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रूद्र मंत्र जाप करने की विधि – Rudra Mantra in Hindi
प्रत्येक मंत्र को जपने के दो तरीके हो सकते हैं। पहला सकाम तथा दूसरा निष्काम। यदि आप निष्काम अर्थात बिना किसी विशेष प्रयोजन के केवल प्रभु को प्रसन्न करने के उद्देश्य मंत्र जाप करना चाहते हैं, तो किसी खास नियम को मानने की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि यदि आप सकाम रूप से किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मंत्र जाप करना चाहते हैं, तो रूद्र मंत्र का जाप करने से पहले आपको कुछ बातें जान लेना आवश्यक है, जिनका पालन करने से आपको रूद्र मंत्र के जाप का पूरा फल मिल सकता है। मंत्र जाप करने की पूरी विधि इस प्रकार है:
- इस मंत्र का जाप विशेष रूप से शुक्ल पक्ष के सोमवार को करना चाहिए और यदि उस दिन प्रदोष व्रत हो तो अति उत्तम माना गया है।
- यदि आप चाहें, तो उस दिन उपवास भी रख सकते हैं।
- यह मंत्र जाप सावन के महीने में सोमवार या किसी विशेष दिन से भी शुरू किया जा सकता है।
- इस दिन स्वच्छ वस्त्र पहन कर स्नानादि से निवृत्त होकर पूर्वाभिमुख होकर बैठें और मन में भगवान शिव का ध्यान करें।
- सर्वप्रथम शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें।
- उसके बाद बेल पत्र, धतूरा, चंदन, धूप, फल, पुष्प, आदि श्रद्धा भाव से अर्पित करने चाहिए और भगवान शिव के मंत्र का जाप करने का संकल्प लेना चाहिए।
- संकल्प यह लेना है कि आप रुद्र मंत्र का कितना जाप करेंगे और उसके पीछे आपका उद्देश्य क्या है।
- उसके बाद आपको भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान रुद्र आपको रुद्र मंत्र का पाठ करने में सफलता प्रदान करें।
- प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में जप करें और जो जप संख्या प्रथम दिन की है, किसी भी हालत में उस दिन से कम जाप किसी अन्य दिन ना करें। इस संख्या को निश्चित रखें, तो बेहतर होगा।
- मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला सर्वोत्तम मानी गई है।
- जाप सदैव एक ही रूप में करें अर्थात या तो चुपचाप, या केवल होंठ हिलाकर बिना आवाज़ निकले या उच्च स्वर में। सबसे अच्छा मंत्र जप मौन रूप से किया जाता है।
- मंत्र जपते समय जल्दबाजी ना करें। गर्दन जोर-जोर से न हिलायें या गा गाकर मंत्र जाप ना करें।
- सोना, छींकना और लघु शंका करना निषेध माना गया है।
- मंत्र जाप करते समय मंत्र का उच्चारण स्पष्ट हो, इस बात का पूरा ध्यान रखें।
- जब भी आप मंत्र जाप कर चुकें, तो अपने आसन को प्रणाम करके ही उठें।
- मुख्य तौर पर सवा लाख की संख्या में जाप करें।
- आपका जाप पूरा होने के उपरांत दशांश हवन करें, तर्पण करें, मार्जन करें और उसके पश्चात ब्राह्मण भोजन कराएं।
- यदि आप बिना किसी प्रयोजन के रूद्र मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो प्रतिदिन कम से कम 108 की संख्या में जाप अवश्य करें।
- रूद्र मंत्र जाप करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें।
- नारियल पानी, केतकी के पुष्प, कुमकुम, हल्दी, आदि शिवलिंग पर बिल्कुल ना चढ़ाएं।
- प्रतिदिन जाप के उपरांत भगवान शिव की आरती अवश्य करें।
रूद्र मंत्र जाप करने के लाभ – Rudra Mantra Benefits
- रूद्र मंत्र का जाप मुख्य रूप से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति को किसी प्रकार का भय हो या वह किसी प्रकार की बीमारी से त्रस्त हो तो भी रूद्र मंत्र का जाप करना सबसे अधिक फ़ायदेमंद साबित होता है।
- कठिन से कठिन बीमारी के इलाज के लिए रूद्र मंत्र का जाप सर्वोपरि माना गया है और इसके जाप से व्यक्ति को बीमारियों से मुक्ति मिल कर उसे उत्तम स्वास्थ्य लाभ होता है।
- इसके अतिरिक्त जीवन ऊर्जा की कमी होने पर या जब आप काफी कमजोर महसूस करें, तब भी भगवान रुद्र के मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिससे आपको शक्ति प्राप्त होगी और ना केवल आप मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत हो जाएंगे।
- विभिन्न ग्रहों द्वारा जनित दोषों के निवारण के लिए भी और जीवन में सुख शांति की प्राप्ति के उद्देश्य से भी रूद्र मंत्र का जाप करना फ़ायदेमंद होता है। इसके जाप करने से आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है और नकारात्मकता समाप्त होती है तथा ग्रह जनित दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
- रुद्र मंत्र के जाप से मानसिक तनाव, अवसाद और उन्माद जैसी नकारात्मकतायें दूर होती हैं और शरीर तथा मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
- ज्योतिषीय उपाय के रूप में भी रूद्र मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
- यदि आप पवित्र भाव के साथ शिव गायत्री मंत्र का जाप करते हैं या फिर रूद्र गायत्री मंत्र को निश्चित संख्या में जपते हैं तो आपको कालसर्प दोष, राहु, केतु, शनि ग्रहों द्वारा जनित दुःपरिणामों से भी मुक्ति मिलती है और भगवान शिव के साथ-साथ माता गायत्री का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- जीवन में सुख, समृद्धि, मानसिक शांति, धन, वैभव, यश, समृद्धि और पारिवारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी आपको और रूद्र मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि रुद्र मंत्र पर दिया गया हमारा यह लेख आपको पसंद आएगा और इस लेख के माध्यम से आप अपने जीवन में रूद्र मंत्र की महत्ता को समझकर उसे अपनाएंगे और उसके द्वारा जीवन को समृद्ध बनाएँगे।