शिव पूजा में 10 निषेध वस्तुए – भूलकर भी ना चढ़ाये

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शिव पूजा में 10 निषेध वस्तुए – Prohibited Items in Shiv Puja

Shiv Puja : भगवान भोलेनाथ केवल मन के भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी पूजा (Shiv Pujan) के लिए किसी विशेष वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती। परन्तु कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जो पुराणों के अनुसार महादेव (Shivling Puja) को नहीं चढ़ाई जाती है। अतः उनकी पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ये वस्तुएं उन्हें अर्पित ना की जाये। इसमें सबसे पहले है –

हल्दी – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए, क्यूंकि इसका सम्बन्ध भगवान विष्णु से है और उन्हें हल्दी चढाने का विधान है, यही कारण है कि उन्हें पीतांबर भी कहा गया है। इसके अतिरिक्त चूँकि हल्दी का सम्बन्ध रसोईघर से है अर्थात गृहस्थ जीवन से, इसीलिए भी ये बैरागी शिव को अर्पित नहीं की जाती |

चंपा और केवड़े का फूल – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

इन दोनों फूलों को शिवजी पर नहीं चढ़ाया जाता। चूँकि इन दोनों की गंध अत्यंत तेज होती है, और दोनों से, विशेषकर केवड़े के फूल से इत्र बनाया जाता है जो सांसारिक अथवा भौतिक वस्तुओं का परिचायक होता है। और हमारे महादेव भैतिक वस्तुओं से परे हैं, इसीलिए ये दोनों फूल उनके लिए वर्जित है।

शंख और तुलसी – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

महादेव को शंख और तुलसी भी अर्पित नहीं की जाती क्यूंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। शंखचूड़ को जालंधर के नाम से भी जाना जाता है, वही तुलसी का शालिग्राम रूपी स्वयं नारायण श्री हरी से विवाह हुआ था, इसी कारण शंख और तुलसी महादेव को स्वीकार्य नहीं.

नारियल – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

इसे श्रीफल भी कहते हैं, अर्थात देवी लक्ष्मी का फल। चूँकि देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु की पत्नी है सो  इसी कारण महादेव को नारियल या नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता।

तिल – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

ऐसी मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से हुई थी। यही कारण है कि इसे भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता।

खंडित चावल – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

इसे किसी भी देवता को नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा में चढ़ने वाले चावल को “अक्षत” कहते हैं, अर्थात जिसकी कोई क्षति ना हुई हो। खंडित अथवा क्षत चावल इसी कारण महादेव या किसी अन्य देवता को नहीं चढ़ाया जाता है।

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खंडित बेलपत्र – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

बेलपत्र महादेव को अत्यंत प्रिय है किन्तु बेलपत्र केवल तीन की संख्या में महादेव को समर्पित किया जाना चाहिए। उसे तोड़ कर एक अथवा दो बेलपत्र भगवान शिव को अर्पण नहीं किया जाता है।

कुमकुम – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

कुमकुम को हल्दी एवं नींबू के मिश्रण से बनाया जाता है जिससे इसका रंग सुर्ख लाल हो जाता है। चूँकि हल्दी का सम्बन्ध भगवान विष्णु से है और इसी लिए वे पीताम्बर कहलाते हैं। चूँकि कुमकुम को बनाने में हल्दी का उपयोग किया जाता है इसीलिए ये भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता।

एक कथा के अनुसार, कुमकुम को माता पार्वती का वरदान है कि ये सदैव सौभाग्य का प्रतीक माना जाएगा। यही कारण है कि विवाहित स्त्रियों को कुमकुम लगाया जाता है ताकि वे सदैव सौभग्यशाली रहे। चूँकि ये स्त्रियों के प्रसाधन में उपयोग होता है इसीलिए महादेव को अर्पण नहीं किया जाता। वही कुमकुम श्रृंगार का प्रतीक भी है। इसके उलट महादेव तो वैरागी हैं। वे श्मशान में निवास करते हैं और चिता की भस्म का प्रयोग करते हैं। अतः ये दोनों चीजें परस्पर उलटी हैं। इसी कारण कुमकुम भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है।

उबला दूध – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

अक्षत की ही भांति उबला दूध ना केवल महादेव को बल्कि किसी और देवता को नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव को गाय का ताजा दूध ही अर्पित करना चाहिए। अगर गाय का दूध उपलब्ध ना हो तो भी बाजार से खरीदे गए दूध को बिना उबले भगवान शिव पर चढ़ाना चाहिए। दूध को उबलने पर वो जूठा माना जाता है और इसीलिए भगवान शिव पर नहीं चढ़ाया जाता।

लौह पात्र से जल – This Things Are Restricted In Shiv Pooja

भगवान शिव को केवल कांसे या ताम्बे के पात्र से जल चढ़ाया जाता है। लौह पात्र उनके लिए वर्जित है। कई जगह उन्हें लौह के साथ-साथ उन्हें स्वर्ण और रजत पात्र से भी जल चढाने से मना किया जाता है क्यूंकि महादेव ने त्रिपुर, जो क्रमशः स्वर्ण, रजत और लौह से बने थे, का संहार किया था और त्रिपुरारि कहलाये।

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