108 उपनिषद के नाम और 11 मुख्य उपनिषद

108 उपनिषद के नाम – 11 मुख्य उपनिषद

हिन्दू धर्म के अनुसार कुल मिलाकर 108 उपनिषद् वर्णित है, यह सारे उपनिषद वास्तविक रूप से हिन्दू धर्म की दार्शनिक अवधारणा एवं विचारो का अद्भुत संग्रह है, जो अत्यंत प्राचीन एवं महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ है | इन उपनिषदों में बौद्ध धर्म, जैन धर्म एवं सिख धर्म के बारे में भी सरलता से व्याख्यान किया गया है | इस ग्रन्थ में आप परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म एवं आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का समावेश सहज ही महसूस कर सकते है, तो आइये जानते है 108 उपनिषद के नाम –

सभी उपनिषद निम्न वेदों में बाटे गए है –

  • ऋग्वेद में कुल 10 उपनिषद
  • शुक्लपक्ष यजुर्वेद में कुल 19 हैं
  • कृष्णपक्ष यजुर्वेद में कुल 32 उपनिषद
  • सामवेद में कुल 16 हैं
  • अथर्ववेद में कुल 31 उपनिषद बटे हुए है |

108 उपनिषद

१. ईश = शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपनिषद्
२. केन उपनिषद् = साम वेद, मुख्य उपनिषद्
३. कठ उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपनिषद्
४. प्रश्न उपनिषद् = अथर्व वेद, मुख्य उपनिषद्
५. मुण्डक उपनिषद् = अथर्व वेद, मुख्य उपनिषद्
६. माण्डुक्य उपनिषद् = अथर्व वेद, मुख्य उपनिषद्
७. तैत्तिरीय उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपनिषद्
८. ऐतरेय उपनिषद् = ऋग् वेद, मुख्य उपनिषद्
९. छान्दोग्य उपनिषद् = साम वेद, मुख्य उपनिषद्
१०. बृहदारण्यक उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपनिषद्
११. ब्रह्म उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
१२. कैवल्य उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपनिषद्
१३. जाबाल उपनिषद् (यजुर्वेद) = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
१४. श्वेताश्वतर उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
१५. हंस उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, योग उपनिषद्
१६. आरुणेय उपनिषद् = साम वेद, संन्यास उपनिषद्
१७. गर्भ उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
१८. नारायण उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, वैष्णव उपनिषद्
१९. परमहंस उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
२०. अमृत-बिन्दु उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
२१. अमृत-नाद उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
२२. अथर्व-शिर उपनिषद् = अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
२३. अथर्व-शिख उपनिषद् =अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
२४. मैत्रायणि उपनिषद् = साम वेद, सामान्य उपनिषद्
२५. कौषीतकि उपनिषद् = ऋग् वेद, सामान्य उपनिषद्
२६. बृहज्जाबाल उपनिषद् = अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
२७. नृसिंहतापनी उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
२८. कालाग्निरुद्र उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपनिषद्
२९. मैत्रेयि उपनिषद् = साम वेद, संन्यास उपनिषद्
३०. सुबाल उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
३१. क्षुरिक उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
३२. मान्त्रिक उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
३३. सर्व-सार उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
३४. निरालम्ब उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
३५. शुक-रहस्य उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
३६. वज्रसूचि उपनिषद् = साम वेद, सामान्य उपनिषद्
३७. तेजो-बिन्दु उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
३८. नाद-बिन्दु उपनिषद् = ऋग् वेद, योग उपनिषद्
३९. ध्यानबिन्दु उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
४०. ब्रह्मविद्या उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
४१. योगतत्त्व उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
४२. आत्मबोध उपनिषद् = ऋग् वेद, सामान्य उपनिषद्
४३. परिव्रात् उपनिषद् (नारदपरिव्राजक) = अथर्व वेद, संन्यास उपनिषद्
४४. त्रिषिखि उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, योग उपनिषद्
४५. सीता उपनिषद् = अथर्व वेद, शाक्त उपनिषद्
४६. योगचूडामणि उपनिषद् = साम वेद, योग उपनिषद्
४७. निर्वाण उपनिषद् = ऋग् वेद, संन्यास उपनिषद्
४८. मण्डलब्राह्मण उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, योग उपनिषद्
४९. दक्षिणामूर्ति उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपनिषद्
५०. शरभ उपनिषद् = अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
५१. स्कन्द उपनिषद् (त्रिपाड्विभूटि) = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
५२. महानारायण उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
५३. अद्वयतारक उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
५४. रामरहस्य उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
५५. रामतापणि उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
५६. वासुदेव उपनिषद् = साम वेद, वैष्णव उपनिषद्
५७. मुद्गल उपनिषद् = ऋग् वेद, सामान्य उपनिषद्
५८. शाण्डिल्य उपनिषद् = अथर्व वेद, योग उपनिषद्
५९. पैंगल उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
६०. भिक्षुक उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
६१. महत् उपनिषद् = साम वेद, सामान्य उपनिषद्
६२. शारीरक उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
६३. योगशिखा उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
६४. तुरीयातीत उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
६५. संन्यास उपनिषद् = साम वेद, संन्यास उपनिषद्
६६. परमहंस-परिव्राजक उपनिषद् = अथर्व वेद, संन्यास उपनिषद्
६७. अक्षमालिक उपनिषद् = ऋग् वेद, शैव उपनिषद्
६८. अव्यक्त उपनिषद् = साम वेद, वैष्णव उपनिषद्
६९. एकाक्षर उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
७०. अन्नपूर्ण उपनिषद् = अथर्व वेद, शाक्त उपनिषद्
७१. सूर्य उपनिषद् = अथर्व वेद, सामान्य उपनिषद्
७२. अक्षि उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
७३. अध्यात्मा उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
७४. कुण्डिक उपनिषद् = साम वेद, संन्यास उपनिषद्
७५. सावित्रि उपनिषद् = साम वेद, सामान्य उपनिषद्
७६. आत्मा उपनिषद् = अथर्व वेद, सामान्य उपनिषद्
७७. पाशुपत उपनिषद् = अथर्व वेद, योग उपनिषद्
७८. परब्रह्म उपनिषद् = अथर्व वेद, संन्यास उपनिषद्
७९. अवधूत उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
८०. त्रिपुरातपनि उपनिषद् = अथर्व वेद, शाक्त उपनिषद्
८१. देवि उपनिषद् = अथर्व वेद, शाक्त उपनिषद्
८२. त्रिपुर उपनिषद् = ऋग् वेद, शाक्त उपनिषद्
८३. कठरुद्र उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
८४. भावन उपनिषद् = अथर्व वेद, शाक्त उपनिषद्
८५. रुद्र-हृदय उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपनिषद्
८६. योग-कुण्डलिनि उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपनिषद्
८७. भस्म उपनिषद् = अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
८८. रुद्राक्ष उपनिषद् = साम वेद, शैव उपनिषद्
८९. गणपति उपनिषद् = अथर्व वेद, शैव उपनिषद्
९०. दर्शन उपनिषद् = साम वेद, योग उपनिषद्
९१. तारसार उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, वैष्णव उपनिषद्
९२. महावाक्य उपनिषद् = अथर्व वेद, योग उपनिषद्
९३. पञ्च-ब्रह्म उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपनिषद्
९४. प्राणाग्नि-होत्र उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद्
९५. गोपाल-तपणि उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
९६. कृष्ण उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
९७. याज्ञवल्क्य उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
९८. वराह उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
९९. शात्यायनि उपनिषद् = शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्
१००. हयग्रीव उपनिषद् (१००) = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
१०१. दत्तात्रेय उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
१०२. गारुड उपनिषद् = अथर्व वेद, वैष्णव उपनिषद्
१०३. कलि-सन्तारण उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, वैष्णव उपनिषद्
१०४. जाबाल उपनिषद् (सामवेद) = साम वेद, शैव उपनिषद्
१०५. सौभाग्य उपनिषद् = ऋग् वेद, शाक्त उपनिषद्
१०६. सरस्वती-रहस्य उपनिषद् = कृष्ण यजुर्वेद, शाक्त उपनिषद्
१०७. बह्वृच उपनिषद् = ऋग् वेद, शाक्त उपनिषद्
१०८. मुक्तिक उपनिषद् (१०८) = शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद

हिन्दू धर्मानुसार 108 उपनिषदों में से 11 उपनिषद ही मुख्य माने जाते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं

11 मुख्य उपनिषद

1. ईशावास्योपनिषद्
2. केनोपनिषद्
3. कठोपनिषद्
4. प्रश्नोपनिषद्
5. मुण्डकोपनिषद्
6. माण्डूक्योपनिषद्
7. ऐतरेयोपनिषद्
8. तैत्तरीयोपनिषद्
9. श्वेताश्वतरोपनिषद्
10. बृहदारण्यकोपनिषद्
11. छान्दोग्योपनिषद्

आदि शंकराचार्य ने इनमें से 10 उपनिषदों पर टीका लिखी थी। इनमें मांडूक्योपनिषद सबसे छोटा है (12 श्लोक) औऱ छांदोग्य सबसे बड़ा। इनमे इशावास्योपनिषद सबसे पुराना है क्योंकि यह यजुर्वेद का ही अंतिम अध्याय है।

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