पति – पत्नी के बीच क्लेश के उपाय
- यदि पति-पत्नी के माध्य वाक् युद्ध होता रहता है तो दोनों पति-पत्नी को बुधवार के दिन दो घण्टे का मौन व्रत धारण करें।
- पति को चाहिए की शुक्रवार को अपनी पत्नी को सुन्दर सुगन्ध युक्त पुष्प एवं इत्र भेंट करें एवं चाँदी की कटोरी चम्मच से दही शक्कर पत्नी को खिलाऐं।
- पति को चाहिए की पत्नी की माँग में सिन्दूर भरेंएवं पत्नी पति के मस्तक पर पीला तिलक लगाऐं।
- स्त्री को चाहिए की अपने शयन कक्ष में 100 ग्राम सौंफ प्रातःकाल स्नान के बाद लाल कपडे में बांधकर रखें।
- पति-पत्नी दोनों को फिरोज रत्न चाँदी में अनामिका आगुँली में धारण करें।
- प्रतिदिन पति-पत्नी लक्ष्मी-नारायण या गौरी-शंकर के मन्दिर में जाऐं, सुगन्धित पुष्प चढ़ाऐं और दाम्पत्य सुख हेतु प्रार्थना करें।
- पति-पत्नी सोमवार को दो-मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
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सास-बहु के बीच कलेश दूर करने के उपाय
1.घर के बर्तन के गिरने टकराने की आवाज न आने दें।
2. घर सजाकर सुन्दर रखें।
3. बहू को चाहिए की सूर्योदय से पहले घर में झाडू लगाकर कचड़े को घर के बाहर फेंके।
4. पितरों का पूजन करें।
5. प्रतिदिन पहली रोटी गाय को एवं आखरी रोटी कुत्ते को खिलाऐं।
6. ओम् शांति मन्त्र का जाप सास-बहू दोनों 21 दिन तक लगातर 11-11 माला करें।
7. रोटी बनाते समय तवा गर्म होने पर पहले उस पर ठंडे पानी के छींटे डाले और फिर रोटी बनाएं।
भाई-भाई के बीच गृह कलह दूर करने के उपाय
- लॉर्ड गणेशा एवं स्वामी कार्तिक जी का पूजन प्रतिदिन करें।
- . शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाऐं।
- लॉर्ड विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाऐं।
- माता-पिता एवं पूजनीय व्यक्तियों के चरण स्पर्श करें।
- ओम् रामाय नमः मन्त्र का जप करें।
- . रामायण या रामचरित्र मानस का यथा शक्ति पाठ करें।
देवरानी-जेठानी एवं ननद-भाभी में गृह कलह को दूर करने के उपाय
- गाय के गोबर का दीपक बनाकर तेल रुई सहित उसे जलाऐं एवं मुख्य दरवाजे में रख कर उसमें थोड़ा गुड़ डालें।
- ओम् नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु-कुरु स्वाहा इस मन्त का जप 41 दिन तक नित्य 11 माला (रुद्राक्षमाला से) करें।
- शिवलिंग में दूध एवं गंगाजल चढ़ाऐं और फिर बिल्व पत्र और पुष्प घर के सभी लोग चढ़ाऐं।
- घर को सुन्दर, सजावट युक्त रखें एवं घर के चारों कोनो में शंख ध्वनि करें।
- गीता का पाठ करें।
- शिव जी का पूजन अपने पूरे परिवार सहित करें।
गृह कलह शान्ति हेतु अन्य उपाय – lal kitab ke totke
- प्रतिदिन आटा गूथते समय एक चुटकी नकम एवं एक चुटकी बेसन उसमें मिला लें।
- गेंहूँ चक्की पर पिसने जाने से पहले उसमें थोड़े से चने मिला दें तथा केवल सोमवार एवं शनिवार को ही गेंहूँ पिसवाऐं।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्री में विद्वान पण्डित से कराऐं।
- चीटियों का शक्कर खिलाऐं
- घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में शौंच का स्थान न रखें एवं उस स्थान को साफ, और भार युक्त वास्तु से दूर रखें।
- जो ग्रह कलह कारक हों उनकी वस्तुओं का दान करें।
- कुण्डली के बली ग्रहों के मंत्रों का जप विद्वान पण्डित जी से या स्वयं किसी गुरु के सानिध्य में करें।
- तेज स्वर (ऊंची आवाज) में बात न करें।