सूर्य भगवान की आरती – Surya Bhagwan ki Aarti Lyrics in Hindi

Surya Bhagwan ki Aarti

सूर्य भगवान की आरती – Surya Bhagwan ki Aarti

Surya Dev Aarti – रविवार के दिन इस आरती (Surya Bhagwan ki Aarti) को करने से होते हैं सूर्य देव प्रसन्न तो चलिए जाने, श्री सूर्यदेव की आरती …..

सूर्य देव की आरती – Surya Dev ki Aarti

जय कश्यप नन्दन, स्वामी जय कश्यप नन्दन।

त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ जय ..

सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ जय ..

सुर मुनि भूशर वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ जय ..

सकल सुकर्म प्रसाविता, साविता शुभकारी।

विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ जय ..

कमल समूह विकाशक, नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरता अति, मनसिज संताप॥ जय ..

नेत्र व्याधि हर सुरवर,

भू-पीड़ा हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ जय ..

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥ जय ..जय |..

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