मां महागौरी के मंत्र, स्त्रोत और कवच पाठ Mp3 Download
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
माता महागौरी का ध्यान
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥
पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥
महागौरी स्तोत्र का पाठ
सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
माता महागौरी का कवच
ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो।
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे नम:। ऊँ महागौरी देव्यै नम:।
माता महागौरी की आरती
जै माहांगौरी जगत की माया जै उमा भवानी जय महांमाया||
हरिद्वार कनखल के पासा| महांगौरी तेरा वहा निवासा||
चन्द्रकली और ममता अम्बे| जै शक्ति जै जै मां जगदम्बे||
भीमा देवी विमला माता| कौशकी देवी जग विख्याता||
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा| महांकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा||
सती सत हवन कुण्ड में था जलाया| उसी धुएं ने रूप काली बनाया||
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया| तो संकर ने त्रिशूल अपना दिखाया||
तभी मां ने महांगौरी नाम पाया| शरण आने वाले का संकट मिटाया||
शनिवार को तेरी पूजा जो करता| मां बिगङा हुआ काम उसका सुधरता||
चमन बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो| महांगौरी मां तेरी हरदम ही जय हो||
2 Comments
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thank you vicky for you much needed appreciation