Devshayani Ekadashi 2021 – देवशयनी एकादशी
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष देवशनी एकादशी 20 जुलाई 2021 के दिन मनाई जानी है. इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ भी माना गया है. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी और पद्मनाभा के नाम से भी जाना जाता है सभी उपवासों में देवशयनी एकादशी व्रत श्रेष्ठतम कहा गया है. इस व्रत को करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, तथा सभी पापों का नाश होता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना करने का महतव होता है क्योंकि इसी रात्रि से भगवान का शयन काल आरंभ हो जाता है जिसे चातुर्मास या चौमासा का प्रारंभ भी कहते हैं.
देवशयनी एकादशी मुहूर्त – Devshayani Ekadashi 2021
- देवशयनी एकादशी मंगलवार, जुलाई 20, 2021 को
- 21 जुलाई को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 05:34 ए एम से 08:20 ए एम
- पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 04:26 पी एम
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 19, 2021 को 09:59 पी एम बजे
- एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2021 को 07:17 पी एम बजे
हरिशयनी एकादशी पौराणिक महत्व – Importance of Hari Shayani Ekadashi
देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के विषय में पुराणों में विस्तारपूर्वक वर्णन मिलता है जिनके अनुसार इस दिन से भगवान श्री विष्णु चार मास की अवधि तक पाताल लोक में निवास करते है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से श्री विष्णु उस लोक के लिये गमन करते है और इसके पश्चात चार माह के अतंराल बाद सूर्य के तुला राशि में प्रवेश करने पर विष्णु भगवान का शयन समाप्त होता है तथा इस दिन को देवोत्थानी एकादशी का दिन होता है. इन चार माहों में भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर की अनंत शय्या पर शयन करते है. इसलिये इन माह अवधियों में कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है.
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