आज्ञा चक्र – Ajna Chakra
आज्ञा चक्र (Agya Chakra) मनुष्य के शरीर में स्थित कुण्डलिनी चक्र (Kundalini Chakra) में छठा मूल चक्र है। आज्ञा चक्र (Ajna Chakra) मस्तक के मध्य में, भौंहों के बीच स्थित है। इस कारण इसे “तीसरा नेत्र” (Third Eye Chakra) भी कहते हैं। आज्ञा चक्र स्पष्टता और बुद्धि का केन्द्र है। यह मानव और दैवी चेतना के मध्य सीमा निर्धारित करता है। यह 3 प्रमुख नाडिय़ों, इडा (चंद्र नाड़ी) पिंगला (सूर्य नाड़ी) और सुषुम्ना (केन्द्रीय, मध्य नाड़ी) के मिलने का स्थान है। जब इन तीनों नाडिय़ों की ऊर्जा यहां मिलती है और आगे उठती है, तब हमें समाधि, सर्वोच्च चेतना प्राप्त होती है।
जब इन तीनों नाडिय़ों की ऊर्जा यहां मिलती है और आगे उठती है, तब हमें समाधि, सर्वोच्च चेतना प्राप्त होती है। आज्ञा चक्र दो पंखुडिय़ों वाला एक कमल है जो इस बात को दर्शाता है कि चेतना के इस स्तर पर ‘केवल दो’, आत्मा और परमात्मा ही हैं। सामान्यतौर पर जिस व्यक्ति की ऊर्जा यहां ज्यादा सक्रिय है तो ऐसा व्यक्ति बौद्धिक रूप से संपन्न, संवेदनशील और तेज दिमाग का बन जाता है लेकिन वह सब कुछ जानने के बावजूद मौन रहता है। इसे ही बौद्धिक सिद्धि कहा जाता हैं।
अगर आपकी ऊर्जा आज्ञा में सक्रिय है, या आप आज्ञा तक पहुंच गये हैं, तो इसका मतलब है कि बौद्धिक स्तर पर आपने सिद्धि पा ली है। बौद्धिक सिद्धि आपको शांति देती है। आपके अनुभव में यह भले ही वास्तविक न हो, लेकिन जो बौद्धिक सिद्धि आपको हासिल हुई है, वह आपमें एक स्थिरता और शांति लाती है। आपके आस पास चाहे कुछ भी हो रहा हो, या कैसी भी परिस्थितियां हों, उस से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आज्ञा चक्र का सार योग ग्रंथ अनुसार
इड़ा भागीरथी गंगा पिंगला यमुना नदी।
तर्योमध्यगत नाड़ी सुषुम्णाख्या सरस्वती।।
अर्थात ´इड़ा´ नाड़ी को गंगा और ´पिंगला´ नाड़ी को यमुना और इन दोनों नाड़ियों के बीच बहने वाली सुषुम्ना नाड़ी को सरस्वती कहते हैं। इन तीनों नाड़ियों को जहां मिलन होता है, उसे त्रिवेणी कहते हैं। अपने मन को इस त्रिवेणी में जो स्नान कराता है अर्थात इस चक्र पर ध्यान करता है, उसके सभी पाप नष्ट होते हैं।
आज्ञा चक्र मन और बुद्धि के मिलन स्थान है। यह स्थान ऊर्ध्व शीर्ष बिन्दु ही मन का स्थान है। सुषुम्ना मार्ग से आती हुई कुण्डलिनी शक्ति का अनुभव योगी को यहीं आज्ञा चक्र में होता है। योगाभ्यास व गुरू की सहायता से साधक कुण्डलिनी शक्ति के आज्ञा चक्र में प्रवेश करता है और फिर वह कुण्डलिनी शक्ति को सहस्त्रार चक्र में विलीन कराकर दिव्य ज्ञान व परमात्मा तत्व को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त करता है।
आज्ञा-चक्र का मंत्र – Ajna Chakra Mantra
इस चक्र का मन्त्र होता है – ऊं | इस चक्र को जाग्रत करने के लिए आपको ऊं मंत्र का जाप करते हुए ध्यान लगाना होता है |
आज्ञा चक्र जाग्रत करने के योगासन – Ajna Chakra Yoga Asnas
- नाड़ी शोधन प्राणायाम (तंत्रिका तंत्र की शुद्धि)
- भुमी पाद मस्तकासन (पृथ्वी पर सिर और पैर)
- योग मुद्रा
- शशांकासन
- शिरसासन
- नाद संचालन (ध्वनि व्यायाम, ॐ गायन)
- कपालभाति प्राणायाम
आज्ञा-चक्र जाग्रत करने की विधि – How to Activate Third Eye Chakra
किसी शांत एकांत कमरे या स्थान पर पालथी मारकर बैठ जाएं। मेरुदंड सीधा रखें, झुके नहीं। दोनों आँखे बंद कर लें। भृकुटी के मध्य ध्यान लगाते हुए साक्षी भाव में रहने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। अगर आपको अपनी एकाग्रता बनाये रखने में काफी समस्या हो रही है तो आपको पहले एकाग्रता बनाये रखने के लिए त्राटक करना चाहिये और एकाग्रता हासिल होने पर ध्यान का अभ्यास आरम्भ करना चाहिये।
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इस त्राटक में हमकों अपनी आंख के अंदर दिखने वाले अंधेरे में नजर जमानी होती है मगर नये साधक के लिये सीधे ही आज्ञा-चक्र में नजर जमाना मुश्किल होता है, इसलिये इसके अभ्यास के पहले त्राटक का अभ्यास कर लीजिये, तत्पश्चात आप आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित कर सकते है | त्राटक अवचेतन मन और आज्ञा चक्र दोनों पर ही बराबर प्रभाव डालता है जैसे हम त्राटक में आगे बढ़ते है तो पहले हमारा आज्ञा चक्र चेतन्य होना शुरू हो जाता है हमारी चेतन्यता बढ़ने के साथ साथ हमारी अवचेतन मन की यात्रा भी शुरू होने लगती है
- आज्ञा चक्र मे ज्ञान मुद्रा मे बैठे
- अंगुठें को तर्जनी अंगुली के सिरे से लगाए, शेष तीन अंगुलिया सीधी रखें।
- आज्ञा नेगटिव चक्र मे मन लगाए, कूटस्थ मे दृष्टि रखे |
- आज्ञा नेगटिव चक्र मे दो पंखडियाँ होती है, अपने शक्ति के अनुसार 18 बार लंबा श्वास लेवे और छोडे |
- श्वास लेने के साथ कल्पना करें :
“मैं पूरे ब्रह्मांड को श्वास देता हूं – सब कुछ मेरे भीतर मौजूद है”
- श्वास छोड़ते समय कल्पना करे कि :
“मैं ब्रह्मांड को भीतर से निकल रहा हु – पूरी ब्रह्माण्ड का सृजन मुझमें ही निहित है “
- श्वास की अवधारण के साथ:
“मैं हर जगह हूं सब कुछ मेरे भीतर है, और मैं भी जो मेरे बाहर मौजूद है, वह सब कुछ भी है मैं सब कुछ के साथ हूं “
- श्वास को रोके नही, अब आज्ञा पाजिटिव चक्र मे जाए, इस चक्र मे तनाव डाले, ज्ञान मुद्रा मे ही बैठे रहे |
- आज्ञा चक्र मे मन लगाए, कूटस्थ मे दृष्टि रखे |
- अपनी शक्ति के अनुसार 20 बार लंबा श्वास लेवे और छोडे | श्वास को रोके नही |
आज्ञा-चक्र के प्रभाव – Ajna Chakra Powers
जब मनुष्य के अन्दर आज्ञा चक्र जागृत हो जाता है तब मनुष्य के अंदर अपार शक्तियां और सिद्धियां निवास करती हैं। इस आज्ञा चक्र का जागरण होने से मनुष्य के अन्दर सभी शक्तियां जाग पड़ती हैं और मनुष्य एक सिद्धपुरुष बन जाता है। अतः जब इस चक्र का हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर में एक विशेष चुम्बकीय उर्जा का निर्माण होने लगता है उस उर्जा से हमारे अन्दर के दुर्गुण ख़त्म होकर, आपार एकाग्रता की प्राप्ति होने लगती है। विचारों में दृढ़ता और दृष्टि में चमक पैदा होने लगती है।
आज्ञाचक्र जिसे हम तीसरा नेत्र भी कहते है, इस चक्र के गुण हैं – एकता, शून्य, सत, चित्त और आनंद। ‘ज्ञान नेत्र’ भीतर खुलता है और हम आत्मा की वास्तविकता देखते हैं – इसलिए ‘तीसरा नेत्र’ का प्रयोग किया गया है जो भगवान शिव का द्योतक है। इसके जागृत होते ही देव शक्ति प्राप्त होती है। दिव्या दृष्टि की सिद्धि होती है। दूर दृष्टि प्राप्त होता है , त्रिकाल ज्ञान मिलता है। आत्मा ज्ञान मिलता है , देव दर्शन होता है। व्यक्ति अलोकिक हो जाता है।
7 Comments
Hlo didi mei yeh janna chahti hu ki jo humare andar shakti hai use jagrat kar humare andar yodhao wali shakti bhi aati hai jaise apne hatho ki ungliyon se aag laga dena ya aur bahut si shaktiyan agar ha tab toh bahut hi acha h aur nhi toh kripya post kre ki yeh shaktiya kaise milengi
I feel my agya chkar is active…. I can’t explain my contact no is 7006448472/ 7298914325 please contact me any guru ji related kundli and chakra explane
Aaditi Dave आपसे एक निवेदन है
आपने श्रीफ मूलाधार और आज्ञा चक्र पर ही post share की
है. मेरा आपसे ये निवेदन है
की आप बाकी बचे पाच कुंडलीनी चक्र पर भी जल्द ही post upload करो गी
#ध्यनवाद.
जी जरूर पर इसमें थोड़ा समय लगेगा ..परन्तु आप हमारी अन्य पोस्ट जो कुण्डलिनी चक्र से सम्बंधित पोस्ट पढ़ सकते है, उसका लिंक मै शेयर कर रही हु –
https://bhaktisanskar.com/kundalini-shakti-hindi/ and
https://bhaktisanskar.com/kundalini-awakening-symptoms-and-benefits/
Hi. Didi mujhe aapki kuch help chahiye please kya aap karoge???????
ha bhaiya aap mujhe apni smasya mail kare [email protected] par
please do not try for enjoyment it’s a bed thing overall.
I can not explain………..